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बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम ने मारे जाने से पहले रखी थी 23 करोड़ रुपए की डिमांड, कहा- एक बच्चे के हिसाब से एक करोड़ रुपए दे दो, सबको छोड़ दूंगा


फर्रुखाबाद/ लखनऊ.उत्तर प्रदेश में फर्रुखाबाद जिले काकरथिया गांवगुरुवार शाम को एक हत्यारे द्वारा 23 बच्चों को बंधक बनाए जानेके बाद से ही देशभर में चर्चा में आगया है। करीब 8 घंटे बाद बंधक बनाए गए बच्चों को ऑपरेशन चलाकर पुलिस ने मुक्त कराया। ऑपरेशन के दौरान हालांकि बच्चों को बंधक बनाने वाला सुभाष बाथम मार दिया गया। लेकिन अब यह बात सामने आयी है कि मरने से पहले उसने जिले के आला अधिकारियों के सामने भारी भरकम डिमांड रखी थी। उसने कहा था कि हर बच्चे के हिसाब से एक करोड़ रुपए यानी 23 करोड़ रुपए दे दो, सबको छोड़ दूंगा। पुलिस ने हालांकि उसे बातचीत में उलझाए रखने के बादमुठभेड़ में मार गिराया।

जिला प्रशासन के सूत्रों की माने तो बच्चों को बंधक बनाने के बाद सुभाष बाथम की अंदर से बार बार धमकी आ रही थी। सबको मार डालूंगा, घर उड़ा दूंगा। अपराधी को बातचीत में उलझाकर पुलिस घर में घुसी और बच्चों को सकुशल बाहर निकालने में कामयाब रही।
जिला प्रशास के सूत्रों ने बताया, ''बातचीच के दौरान अपराधी ने एक बार कहा कि हर बच्चे के हिसाब से एक करोड़ रूपए यानी कुल 23 करोड़ रूपए दे दो, सबको छोड़ दूंगा। उसने ये भी कहा कि पहले भी सजा हो चुकी है। मुझे डर नहीं लगता। सबको मार कर भाग जाऊंगा।पुलिस उसे उलझाने के लिए समझाती रही कि थोड़ा वक्त दो, पर इसी बीच अचानक उसका रवैया बदला।''
प्रति बच्चे एक करोड़ रुपए मांगे जाने की पुष्टी जिले के डीएम मानवेंद्र सिंह ने भी। दैनिक भास्कर ऐप से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, '' हां वह इस तरह की बातें कर रहा था। कभी पैसे की मांग रख रहा था तो कभी कह रहा था कि मुझे मकान नहीं मिला। कभी कह रहा था कि मेरा शौचालय नहीं बना है। इस तरह की ऊटपटांग बातें बोल रहा था।''
सुभाष बाथम ने मरने से पहले थी घर को उड़ाने की धमकी
जिला प्रशासन से जुडे़ एक अधिकारी ने कहा, ''मुझे कोई बातचीत नहीं करनी, मैं घर को उड़ाने जा रहा हूं। इस बीच कुछ ग्रामीणों ने देखा कि वह घर के अंदर बम फिट करना शुरू कर दिया है। ज्वलनशील पदार्थ फैलाना शुरू कर दिया। अंदर से एक धमाके की आवाज भी आई जिसका इस्तेमाल उसने एक दरवाजे के पास किया था।
ऐसे में पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से मकान के पिछले हिस्से का दरवाजा तोड़ा और घर के अंदर घुस गई।''
डरे सहमे बच्चे घर के अंदर घुप्प अंधेरे में तहखाने के एक कोने में कैद थे। पुलिस को घुसते देख अपराधी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उसे ढेर कर बच्चों को बचा लिया।
बाथम के घर से राइफल और गोला-बारूद मिला
आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि बाथम के घर की तलाशी के दौरान राइफल-कारतूस और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है। इतने असलहा से वह पुलिस के साथ तीन दिन तक मोर्चा ले सकता था। ज्यादा वक्त तक पुलिस को इंगेज रख सके, इसलिए रुक-रुककर फायरिंग कर रहा था। शुरुआत में दहशत पैदा करने के लिए उसने पुलिस और ग्रामीणों पर गोलीबारी की। इसमें कई लोग घायल हुए।



फर्रुखाबाद में बच्चों को छुड़ाने के लिए चलाए गए ऑपरेशन के दौरान पुलिसकर्मी- फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar 

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