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एमबीबीएस छात्रा का 28 घंटे बाद उन्नाव के गंगा घाट पर मिला शव; परीक्षा को लेकर तनाव में रहने की वजह से उठाया कदम


कानपुर. जिले के गणेश शंकर मेडिकल कालेज में अंतिम वर्ष की एक छात्रा का शव 28 घंटे बाद उन्नाव के गंगा घाट पर पानी में उतराता हुआ मिला है। सूचना मिलते ही पुलिस छात्रा का शव लेने के लिए उन्नाव पहुंच गई। बीते गुरूवार को छात्रा की स्कूटी गंगा बैराज के गेट नंबर 16 और 17 के बीच में मिली थी। गुरूवार और शुक्रवार को गोताखोरों की टीम को छात्रा की तलाश करने के लिए गंगा में उतारा गया थ,लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला पाया था। बताया जा रहा है कि परीक्षा को लेकर वह काफी तनाव में थी और इसीलिए उसने पानी में कूदकर आत्महत्या कर ली।

एमबीबीएस फाइल ईयर की स्टूडेंट थी अमृता
पुलिस ने बताया कि मूलरूप से झांसी के केकेपुरी कॉलोनी में रहने वाले रामस्नेही सिंह सिविल इंजीनियर हैं। रामस्नेही फिलहाल इटावा में तैनात हैं। परिवार में पत्नि श्याम सुंदरी तीन बेटिया आरती, अनामिका, अमृता और बेटे अमित के साथ रहते हैं। आरती की शादी हो चुकी है और अनामिका फ्रांस में एमबीए कर रही है।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज की छात्रा अमृता सिंह एमबीबीएस फाइनल ईयर की छात्रा थी। अमृता परीक्षा की तैयारियों को लेकर तनाव में थी। 11 फरवरी से अमृता की परीक्षा थी। अमृता बीते गुरूवार को लगभग 12 बजे कॉलेज से निकली थी। अमृता की रूममेट ने जब दोपहर को फोन किया तो उसने फोन रिसीव नहीं किया। इसके बाद अमृता की रूममेट उसकी तलाश करने के लिए निकल पड़ी।
गंगा बैराज के पास खड़ी मिली स्कूटी तो पुलिस को हुआ शक
इसी दौरान पुलिस स्कूटी को लेकर आसपास के लोगों से पूछताछ की। जब कुछ पता नहीं चला तो पुलिस स्कूटी को लेकर चौकी जा रही थी। गंगा बैराज पहुंची अमृता की सहेली ने स्कूटी पहचान ली। उसने पुलिस से कहा कि अमृता गंगा में कूदी है और उसकी तलाश के लिए गोताखोर उतारने को कहा। अमृता की सहेली ने इसकी सूचना अपने दोस्तों को दे दी। पुलिस ने गोताखोरों की टीम को उतारा लेकिन देर शाम तक कहीं कछ पता नहीं चला था।
पुलिस ने शुक्रवार सुबह भी गोताखोरों की टीम को उतारा था। इसके साथ ही गंगा में जाल भी डलवाया था। इसके बावजूद भी कुछ पता नहीं चला था। दोपहर तक पुलिस छात्रा का शव बरामद नहीं कर पाई तो इससे नाराज जीएसवीएम के छात्रों ने जाम लगा दिया। छात्रों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझाकर शांत कराया और जाम खुलवाया था।
एमबीबीएस अंतिम वर्ष की मृतक छात्रा अमृता (फाइल फोटो)


from Dainik Bhaskar 

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