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प्रदर्शनकारियों की सम्पत्ति जब्ती के मामले में यूपी सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में मांगा जवाब


लखनऊ. देश की शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ भड़के हिंसक प्रदर्शन के बाद संपत्ति जब्त करने के मामले में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार लोगों की संपत्ति को जब्त कर रही है। लेकिन इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है।

परवेज़ आरिफ नाम के शख्स ने याचिका दायर कर राज्य सरकार की तरफ से की जा रही कार्रवाई को शीर्ष अदालत के पुराने आदेश के खिलाफ बताते हुए उस पर रोक की मांग की है।यूपी में नहीं माना गया सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
याचिका में कहा गया है उत्तर प्रदेश में ये कार्रवाई करने का अधिकार योगी सरकार ने अतिरिक्त जिला पदाधिकारी के रैंक वाले अधिकारी को दे दिया। याचिका में यह भी कहा है कि यूपी में अपनाई गई प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ है। याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी की है। इस नोटिस का जवाब सरकार को चार सप्ताह में देना है।
सीएए के विरोध के दौरान जमकर हुई थी तोड़फोड़
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध के दौरान पिछले वर्ष दिसंबर में राजधानी लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में जमकर हिंसा और आगजनी हुई थी। इस दौरान उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया था। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ के निर्देश पर यूपी पुलिस ने इन मामलों के आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की थी।


लखनऊ में नागरिकता कानून को लेकर लोगों ने किया था प्रदर्शन- फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar

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