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वसंत पंचमी आज; त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाएंगे 75 लाख श्रद्धालु, ज्ञान की देवी की होगी अराधना


प्रयागराज.माघ मेले के प्रमुख स्नान वसंत पंचमी पर संगम में मोक्ष की डुबकी लगाने के लिए गुरुवार भोर तीन बजे से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी त्रिवेणी में डुबकी लगाई और विधि विधान से पूजा अर्चना की। सीएम के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, महेंद्र सिंह आदि थे। स्नान-दान के बाद सीएम योगी ने पतंग उड़ाई। वे बुधवार को ही गंगा यात्रा के साथ प्रयागराज पहुंच गए थे।

डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि, मेला परिक्षेत्र के सात किमी दायरे में श्रद्धालुओं के लिए 22 स्नान घाट बनाए गए हैं। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यहां पीएसी, अद्धसैनिक व पुलिस के साढ़े हजार जवान लगाए गए हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए ट्रैफिक डायवर्जन भी लागू कर दिया गया है। गुरुवार को इंटर तक के सभी स्कूलों में छुट्टी है।वसंत पंचमी पर्व पर स्नान को लेकर घाटों और पांटून पुलों पर खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने गुरुवार को करीब 75 लाख श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने का अनुमान लगाया है। 2560 बीघा क्षेत्रफल में बसाए गए मेले को तीन जोन व सेक्टर में बांटा गया है।मेला प्रशासन के मुताबिक, सुबह नौ बजे तक पांच लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
इसलिए आज वसंत स्नान
वसंत पंचमी पर इस बार सर्वार्थसिद्धि योग में संगम पर पुण्य की डुबकी लगेगी। पंचमी तिथि 29 जनवरी की सुबह 10:46 से आरंभ होकर 30 जनवरी की सुबह 10:28 बजे तक रहेगी। सुबह 7.15 बजे से 8.35 बजे तक और 9.28 बजे से 10.28 बजे तक देवी सरस्वती की पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा। माघ मेले में संगम पर स्नान 30 जनवरी की भोर से ही आरंभ होगा।
वसंत पंचमी की पौराणिक कथा
सृष्टि की रचना के समय ब्रह्माजी ने महसूस किया कि जीवों की सर्जन के बाद भी चारों ओर मौन छाया रहता है। उन्होंने विष्णुजी से अनुमति लेकर अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे पृथ्वी पर एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुई। छह भुजाओं वाली इस शक्ति रूप स्त्री के एक हाथ में पुस्तक, दूसरे में पुष्प, तीसरे और चौथे हाथ में कमंडल और बाकी के दो हाथों में वीणा और माला थी। ब्रह्माजी ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही देवी ने वीणा का मधुरनाद किया, चारों ओर ज्ञान और उत्सव का वातावरण फैल गया, वेदमंत्र गूंज उठे। ऋषियों की अंतःचेतना उन स्वरों को सुनकर झूम उठी। ज्ञान की जो लहरियां व्याप्त हुईं, उन्हें ऋषिचेतना ने संचित कर लिया। इसी दिन को बंसत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
माघ मेला के प्रमुख स्नान पर्व-
तारीख प्रमुख स्नान श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान
30 जनवरी बसंत पंचमी 75 लाख
09 फरवरी माघी पूर्णिमा 75 लाख
21 फरवरी महाशिवरात्रि 15 लाख



संगम में स्नान करते सीएम योगी व अन्य मंत्रीगण व पदाधिकारी।
सीएम योगी ने कैबिनेट के साथियों के साथ वसंत पंचमी पर संगम में लगाई डुबकी।
पूर्जा अर्चना के बाद सीएम ने पतंग उड़ाई।
मां गंगा की पूर्जा अर्चना करते सीएम व अन्य।
सेल्फी प्वाइंट पर खिंचाई फोटो।
वसंत पंचमी पर्व पर स्नान के लिए बुधवार से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा।


from Dainik Bhaskar

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