उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो के द्वारा भारत की आंतरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है। जिले में तैनात एक सब इंस्पेक्टर (दरोगा) के मोबाइल हैंडसेट के आईएमईआई नंबर के 13 हजार से अधिक मोबाइल चालू मिले हैं। मामला सामने आने के बाद पुलिस व प्रशासन में हड़कंप मच गया। पूरे मामले की साइबर सेल से जांच कराने के बाद थाना मेडिकल में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
ऐसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
यह मामला उस वक्त पकड़ में आया जब एडीजी मेरठ जोन के कार्यालय में तैनात एक सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन खराब हुआ और वह उसे ठीक कराने के लिए मोबाइल कंपनी के सर्विस सेंटर पर देकर आया। यह मोबाइल कंपनी चीन की कंपनी वीवो बतायी गई। आरोप है कि सर्विस सेंटर से मोबाइल रिपेयर होने के बाद भी उसमें बार बार एरर की समस्या आती रही। जिसपर सब इंस्पेक्टर ने जोन कार्यालय के साइबर सेल को अपना मोबाइल फोन दिखाया। जब साइबर सेल ने उसे चेक किया तब पता चला कि उनके आईएमईआई नंबर के ही 13 हजार से अधिक मोबाइल फोन दूसरे स्थानों पर चल रहे हैं।
इस मामले के संज्ञान में आने पर एडीजी राजीव सबरवाल ने मेरठ जनपद की साइबर सेल से क्रॉस जांच करायी, उनकी जांच में भी इसकी पुष्टि हो गई। जिसके बाद मेडिकल थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू करा दी गई।
यह नियमों का उल्लंघन, जल्द दाखिल होगी चार्जशीट
एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है। एक ही आईएमईआई नंबर दूसरे मोबाइल फोन पर नहीं चल सकता। यह नियमों का भी उल्लंघन है। इस पूरे में मामले हर स्तर पर जांच करायी जा रही है। कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर को भी जांच में शामिल किया गया है। कंपनी से भी पूछा गया है कि एक ही आईएमईआई नंबर दूसरे मोबाइल में कैसे पहुंचा? यह कोई टेक्निकल समस्या तो नहीं है। पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस और साइबर सैल की टीम का गठन कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जाएगी।
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