उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में शिक्षा विभाग का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनात एक साइंस की टीचर ने एक ही साथ 25 स्कूलों में कथित तौर पर नौकरी करके तनख्वाह के तौर पर 13 महीने में एक करोड़ रुपए की कमाई की। एजेंसी के अनुसार, इसका खुलासा टीचर्स का डेटाबेस तैयार करते वक्त सामने आया। बीएसए ने टीचर को नोटिस दिया तो उसने वॉट्सऐप पर अपना इस्तीफा भेज दिया।पूरे मामले से विभाग के आलाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और जल्द ही आरोपी शिक्षिका के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर मानदेय की रिकवरी को लेकर भी कदम उठाएं जाएंगे।
वहीं, स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने कहा- सभी टीचर्स को प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन अपनी अटेंडेंस दर्ज करना होता है। ऐसे में एक टीचर कई जगह अपनी उपस्थिति कैसे दर्ज करा सकती है? इस संबंध में विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला प्रदेश के प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत जैसे जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में बीते एक साल से अधिक समय से नियुक्त हैं। इन स्कूलों में टीचर की नियुक्ति कांट्रैक्ट बेसिस पर होती है। हर महीने 30 हजार रुपए की तनख्वाह दी जाती है। अनामिका फरवरी माह तक रायबरेली के केजीबीवी में कार्यरत पाई गईं, जब यह मामला प्रकाश में आया।
इस प्रकरण में महानिदेशक व बीएसए का बयान अलग-अलग-
बछरावां में थी कार्यरत, जांच बढ़ी तो खुद दिया इस्तीफा:रायबरेली के बीएसए आनंद प्रकाश के अनुसार, छह जिलों में लेटर भेजकर सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से अनामिका शुक्ला टीचर को चेक करने के लिए कहा गया था। उस लिस्ट में रायबरेली का नाम शामिल नहीं था। बावजूद इसके चेक कराया गया तो पाया गया कि, हमारे बछरावां केजीबीवी में काम करती है। इस पर उसे नोटिस भेजा गया था। टीचर को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं आई। उसने 26 मई कोवॉट्सऐपपरअपना इस्तीफा भेजा था। कार्यालय आकर किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया।
अभी किसी जिले में तैनाती या सैलरी लेने की पुष्टि नहीं हुई:यूपी स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि, अनामिका नाम की टीचर को लेकर मार्च में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, जिस-जिस जिले में टीचर की तैनाती बताई जा रही उस जिले के मण्डलीय अधिकारी को जांच दी गई है। जांच में अभी तक किसी भी जिले में तैनाती और सैलरी लिए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। जांच चल रही है। अगर जांच पूरी होने पर गड़बड़ी पाई जाएगी, तब टीचर के खिलाफ कारवाई जाएगी।
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