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26 अप्रैल को मिला था पहला कोरोना केस; 40 दिनों में संक्रमितों की संख्या पहुंची 122, बाहर से आने वाले 90 फीसदी प्रवासी पॉजिटिव पाए जा रहे

वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा देश जूझ रहा है। यूपी में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है लेकिन गोरखपुर लॉकडाउन के पहले और दूसरे फेज तक इससे अछूता रहा है। 21 मार्च को हुए लॉकडाउन के बाद से 25 अप्रैल तक यहां पर एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं रहा है। गोरखपुर में मुंबई, दिल्‍ली और गुजरात से आने वाले माइग्रेंट (प्रवासी) श्रमिक ही ज्‍यादा हैं। हैरत की बात ये हैं कि बाहर से आने वाले 90 से 95 प्रतिशत माइग्रेंट (प्रवासी) ही पॉजिटिव पाए गए हैं।

गोरखपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 90 से 95 प्रतिशत बाहर से आने वाले मजदूर हैं। गोरखपुर में 26 अप्रैल को पहला पॉजिटिव केस सफदरजंग दिल्‍ली से आया। उसके बाद से लगातार संख्‍या बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्‍या 122 पहुंच गई है। हालांकि ग्रामीण इलाके के अलावा शहरी क्षेत्र में भी संक्रमित मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। लेकिन, इनमें अधिकतर बाहर से आने वाले और उनके परिवार के लोग ही अधिक हैं।

गोरखपुर के एसडीएम सदर एवं ज्‍वाइंट मजिस्‍ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल बताते हैं कि मुंबई, दिल्‍ली और गुजरात से आने वाले ज्‍यादातर प्रवासी श्रमिक ही ज्‍यादातर पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। जो पेशेंट मिले हैं, 90 से 95 प्रतिशत बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिक हैं। प्रवासी श्रमिकों के द्वारा ये प्रतिशत बढ़ रहा है। इनमें दो तरह के पशेंट हैं। एक तो ऐसे पेशेंट हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण साफ दिखाई दे रहे हैं। दूसरी तरह के पेशेंट में कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

उन्‍होंने बताया कि खजुवा गांव के कल दौरे पर ऐसा केस मिला, जिनमें कोई कोरोना लक्षण नहीं है। उन्‍होंने बताया कि ज्‍यादा प्रभावित शहरों से आने वाले ग्रामीणों क्षेत्रों के लोगों की पूल टेस्टिंग की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में पांच हॉटस्‍पाट को हटाया जा चुका है। आज शहरी क्षेत्र में हॉटस्‍पाट दो पॉजिटिव केस महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक दिव्‍यनगर में पाए जाने के बाद उसे हॉटस्‍पाट घोषित किया गया है।

26 अप्रैल को पहला संक्रमित सामने आया था

गोरखपुर के सीएमओ डा. श्रीकांत‍ तिवारी ने बताया कि 26 अप्रैल तक हमारी शहर ग्रीन जोन में रहा है। उन्‍होंने बताया कि पहला केस 26 अप्रैल को सफदरजंग दिल्‍ली से एंबुलेंस से यहां पर पॉजिटिव आया। उसके बाद उसके कांटेक्‍ट से दो-तीन पॉजिटिव आए. उसके बाद मुंबई से एंबुलेंस से आने वाला एक पेशेंट पॉजिटिव पाया गया। उन्‍होंने बताया कि उसके बाद से माइग्रेंट (प्रवासी) श्रमिकों के ट्रेन से आने के सिलसिले के शुरू होने के बाद से संख्‍या अचानक बढ़ गई।

उन्‍होंने बताया कि हमारी निगरानी समितियां अच्‍छा काम कर रहे हैं. चेकिंग भी काफी कर रहे हैं। पूल टेस्टिंग करा रहे हैं।. 60 साल से अधिक उम्र वालों की भी चेकिंग करा रहे हैं। इनमें से सारे के सारे या तो माइग्रेंट्स हैं और या फिर उनके संपर्क वाले हैं। इनमें बहुत सारे ऐसे भी हैं जो एक साथ ट्रक में आए और उनमें 6-6 लोग पॉजिटिव पाए गए।

सीएमओ ने बताया किमुंबई, दिल्‍ली, चेन्‍नई और हैदराबाद से आने वाले माइग्रेंट में से अधिकतम संख्‍या मुंबई से आने वाले माइग्रेंट हैं।उनकेलोकल कांटेक्‍ट्स और सिम्‍टम्‍स पाए जाने वाले होम कोरेंटाइन का पालन नहीं करने वाले लोगों में पॉजिटिव पाए गए हैं। 90 प्रतिशत से अधिक गोरखपुर में पॉजिटिव पाए जाने वाले बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिक हैं। शहर और ग्रामीण इलाके दोनों की आबादी ज्‍यादा है. ग्रामीण इलाके में पॉजिटिव मरीजों की अधिक हैं।



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गोरखपुर में बाहर से आने वाले प्रवासियों में संक्रमण का ज्यादा खतरा पैदा हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि बाहर से आने वाले 90 प्रतिशत कामगार संक्रमित पाए जा रहे हैं।


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