
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू बसों की सूची में फर्जीवाड़ेको लेकर 27 दिनों तक जेल में बंद रहे। इस मामले में वह बुधवार देर शाम को जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। जेल से बाहर निकलने के बाद गुरुवार को उन्होंने कहा कि भाजपा की गरीब विरोधी मानसिकता साफ हो गई है। मजदूरों की सेवा करने, उन्हें सुरक्षित लाने की पहल करने पर जेल भेजा जाता है। फर्जी मुकदमें दर्ज किए जाते हैं लेकिन भाजपा देश विरोधी, गरीब-मजदूर विरोधी नीतियों और तानाशाही के दम पर हमारा सेवा कार्य नहीं रोक सकती।
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू श्रमिकों को दी जाने वाली बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में20 मई से जेल में बंद थे। 17 जून को देर शाम को प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को जेल से रिहा किया गया। रिहा होने के बाद अजय कुमार लल्लू हजरतगंज स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर और लौहपुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की थी।
गुरुवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए अजय कुमार लल्लू ने कहा- हमारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने पैदल चल रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए बसें चलवाने की अनुमति मांगी लेकिन सरकार ने अपनी गरीब विरोधी मानसिकता का परिचय दिया। मजदूरों की सेवा में लगे हमारे नेताओं के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। मुझे जेल भेज दिया गया। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार भूल गई है कि हम अंग्रेजों से लड़ेहैं। आप जैसे तानाशाह, गरीब विरोधी और अहंकारी हमें मानवता की सेवा करने से नहीं रोक पाएंगे।
गरीब विरोधी कायर सरकार ने मुझे 27 दिनों तक जेल में रखा
उन्होंने कहा कि इस कायर और गरीब विरोधी सरकार ने मुझे 27 दिनों तक जेल में रखा। मुझे अपने वकील तक से नहीं मिलने दिया। मुझे इस बात की परवाह नहीं है। मुझे सिर्फ इस बात की फिक्र थी कि सड़कों पर हज़ारों की तादाद में लोग पैदल चल रहे होंगे। उनके पांव में छाले पड़ गए होंगे। मुझे इस बात की चिंता थी लोगों तक खाना कैसे पहुंच रहा होगा। मुझे यह बात परेशान कर रही थी कि जो लोग परदेश में हैं, उनकी मदद कैसे हो रही होगी। जो बीमार हैं उन तक दवा कैसे पहुंच रही होगी। सरकार ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी हैं।
इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच से लल्लू को मिली थी जमानत
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बीते मंगलवार कोजमानत मिल गई थी। लल्लू को लखनऊ पुलिस ने 21 मई को आगरा से गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद थे। जमानत मिलने के बाद अब वह बुधवार शाम को जेल से बाहर निकले थे।आरोप है कि, लल्लू ने फतेहपुर सीकरी और आगरा में महामारी के दौरान धरना-प्रदर्शन किया था। सरकार ने कांग्रेस की एक हजार बस की सूची में गड़बड़ी बताकर इन्हें लेने से मना कर दिया था। बस सूची केमामले में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया था।
20 मई को आगरा पुलिस ने किया था गिरफ्तार
यूपी सरकार व कांग्रेस के बीच बसों कीसूची को लेकर मचे सियायी घमासान के बीच अजय कुमार लल्लू बीते 20 मई को आगरा में अवैध तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। तभी उन्हें महामारी एक्ट के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जहां अगले दिन जमानत मिलने के बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने एक जून को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद लल्लू ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। दलील दी गई थी कि, लल्लू की बस सूची विवाद में कोई भूमिका नहीं है। उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। जिस पर मामले की सुनवाई के 16 जून को तारीख दी गई थी।
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