उत्तर प्रदेश के ललितपुर में चार दिन पूर्व 1 जून की रात्रि में महिला की दुकान जेसीबी मशीन से पुलिस व उप जिलाधिकारी की मौजूदगी में गिराये जाने के मामले में पीड़ित विधवा महिला ने न्यायालय में उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी सहित सात लोगों के विरुद्ध परिवाद दर्ज कराया है।
वहीं महिला की दुकान गिराये जाने के मामले को लेकर जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने कहा कि वह दुकान गिराये जाने के मामले की जांच करा रहे हैं। दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी। फिलहाल इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी ज्ञापन दिया है।
अधिवक्ता राजेश देवलिया ने बताया कि थाना सौजना की नई बस्ती निवासिनी रजनी पत्नी स्व.प्रकाश नारायण ने अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश की अदालत में परिवाद दायर कराते हुए बताया कि अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए घर के बाहर किराना एवं जनरल स्टोर की दुकान संचालित की थी। 1 जून को सुबह गांव के निवासी कुंजबिहारी, आदित्य नारायण, अशोक, अंशुल, शिवम आये और एक लाख रुपये मांगने लगे। जब उसने मना किया तो उन्होंने शाम 7 बजे तक उसकी दुकान गिराये जाने की धमकी दी।
एक जून को गिराई गई थी महिला की दुकान
अधिवक्ता ने बताया कि इसके बाद शाम 7 बजे उप जिलाधिकारी महरौनी ज्ञानेश्वर प्रसाद, क्षेत्राधिकारी श्याम नारायण पुलिस कर्मियों के साथ आये और कुंजबिहारी से समझौता करने की बात कहने लगे। तब महिला ने कहा कि यह भूमि उसी की है और वह दुकान चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है, लेकिन प्रशासन ने एक नहीं सुनी और जबरन जेसीबी मशीन से उसकी दुकान तुड़वा दी और उसकी पुत्री को पुलिस से पकड़वा दिया। जिससे दुकान में रखे नकद, मोबाइल व किराने का सामान नष्ट हो गया। इस मामले में एसडीएम , क्षेत्राधिकारी सहित 7 पर न्यायालय में धारा 395, 397, 120 बी के तहत परिवाद दायर हुआ है।
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