उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के टप्पल थाना क्षेत्र में 22 साल पहले 5 वर्षीय मासूम बच्चे का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या किए जाने के प्रकरण का खुलासा किया है। आरोपी हत्या के बाद से फरार चल रहे थे। पुलिस ने अब आरोपित सौतेले चाचा-चाची व उनके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पकड़े जाने के बाद आरोपितों ने बताया कि, जमीन के लालच में उन लोगों ने हत्या के बाद शव को कुएं में फेंक दिया था। पुलिस ने कुएं से हड्डियां बरामद की हैं। जिसे देखकर हर किसी का कलेजा कांप उठा।
एसएसपी ने खुलासे का दिया था निर्देश
ये वारदात साल 1998 की है। थाना टप्पल क्षेत्र के गांव मानपुर निवासी रवि कुमार के बेटे अशोक (05 वर्ष) की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। लेकिन न तो शव बरामद हुआ था न ही आरोपी पकड़े गए थे। एसएसपी मुनिराज ने लॉकडाउन में थानों का निरीक्षण किया तो पता चला इस तरह के कई मामले 20-20 साल से लंबित हैं। उन्होंने मामले का खुलासा करने का निर्देश दिया।
एसपी देहात अतुल कुमार ने बताया कि, इस मामले में राजपाल पुत्र दीपचंद्र, उसकी पत्नी हरद्वारी व पुत्र मलुआ उर्फ तेजवीर आरोपित थे। इनके बारें में छानबीन की गई तो पता चला कि ये आदर्शनगर हरी विहार कॉलोनी बल्लभगढ़ में सावित्री के मकान में किराए पर रहते हैं। पुलिस ने दबिश दी तो सभी गायब मिले। बाद में पुलिस ने गुरुवार को तीनों को हामिदपुर तिराहे से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में पता चला कि, तीनों साल 1998 में बच्चे की हत्या में शामिल थे। राजपाल ने बताया कि, साल 1992 में गांव छोडकर हरियाणा के फरीदाबाद में जाकर किराए पर रहने लगे थे। इसी बीच हमारे पिता दीपचन्द्र ने दूसरी की थी। पहली मां से मैं व चन्द्रपाल थे और दूसरी मां से रविकुमार, महीपाल व योगेन्द्र का जन्म हुआ था। पिता ने कुछ जमीन का हिस्सा रविकुमार, महीपाल व योगेन्द्र के नाम कर दिया था। यह बात राजपाल को नागवार गुजरी। उसने सौतेले भाई रवि कुमार के पांच साल के बेटे अशोक की हत्या करने की योजना बनाई। राजपाल ने पत्नी हरद्वारी, बेटे मलुआ व भाई चंद्रपाल व भाभी कृपाली को इस षडयंत्र में शामिल किया। इसके बाद अशोक का अपहरण कर लिया और उसके बाद हम पांचों ने गला घोंटकर उसको मारकर गांव के बाहर झाडियों के बीच बने कुएं में फेंक दिया था।
हत्यारों को जेल भेजा गया
पुलिस की गिरफ्त में आये हत्यारों ने यह भी बताया कि बच्चे की हत्या के मामले में भाभी कृपाली करीब 18 वर्ष पहले जेल चली गयी थी और उसके भाई चन्द्रपाल की कुछ दिन बाद मृत्यु हो गयी थी। पुलिस ने घटना का 22 साल बाद खुलासा करते हुए मासूम की हत्या में शामिल एक महिला सहित 3 हत्यारों को जेल भेजा है।
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