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विकास दुबे के गांव में पुलिस की रेड जारी, महिलाओं ने दोनों हाथ जोड़कर कहा- हमें बख्श दो, शिवली कस्बे में लोगों ने मिठाई बांटी

सुबह के 7बज रहे थे। तभी यह सूचना आनी शुरुहुई कि 8 पुलिसकर्मियों की हत्या केआरोपी विकास दुबे को यूपी एसटीएफ गिरफ्तारी के बादउज्जैन सेजिस गाड़ी से कानपुर ला रही थी, वो 17 किमी पहले ही पलट गई। इसके करीब 55 मिनट बाद खबर आई कि, विकास को एनकाउंटर में मार गिराया गया।इसके बादविकास दुबे के गांव बिकरूमें मीडिया का जमावड़ा लगना शुरूहो गया। इसी गांव मेंदो जुलाई की रात सीओ समेत 8 पुलिसवालों की हत्या हुई थी। विकास की मौत की खबर से पूरे गांव मेंसन्नाटा छाया है। आज भी यहां पुलिस की चेकिंग में 20 किलो के सात जिंदा बम पूर्व में गिरफ्तार दयाशंकर के यहां से बरामद हुए हैं। गांव के ज्यादातर पुरुष या तो फरार हैं या पुलिस हिरासत में हैं।गांव में इस समय ज्यादातर महिलाएंहैं। मीडिया के सवालों पर ज्यादातर का जवाब होता है- अब हमें बख्श दो। वहीं, इस गांव से करीब ढाई किमी दूर शिवली में जश्न का माहौल है।

बिकरू गांव में छाया सन्नाटा। लोग घरों में कैद होकर टीवी पर विकास से जुड़ी खबरें देखते नजर आए।

शिवली कस्बे में जश्न, यहां विकास की गैंग ने की थीतीन लोगों की हत्या
गैंगस्टर विकास दुबे का पूरे क्षेत्र में आतंक था। उसके मारे जाने के बाद बिकरू गांव से करीब ढाई किमी दूर शिवली कस्बे में जश्न का माहौल है। यहां विकास के जानी दुश्मन लल्लन बाजपेयी की अगुवाई में लोगों ने विकास दुबे की मौत पर खुशियां मनाई। साल 2002 में विकास दुबे ने लल्लन पर बम और गोलियों से हमला कराया था। जिसमें तीन ग्रामीण मारे गए थे। उससे पहले तक विकास और लल्लन गहरे दोस्त हुआ करते थे। लेकिन बमकांड के बाद से दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन हो गए थे। वहीं, कानपुर शहर में लोगों ने पुलिस वालों का सम्मान किया है।

गांव वालों से ज्यादा पुलिस वाले

कानपुर मुख्यालय से 39 किमी दूर चौबेपुर थाने मेंबिकरू गांव है। शूटआउट के बाद से ही गांव का माहौल छावनी जैसा है। 350 घरों वाले इस गांव में 150 पुलिसकर्मी मुस्तैद हैं। गांव की मुख्य सड़क से विकास के घर जाने वाली सड़क पर पुलिस का जमावड़ा है। इसके अलावाघर के दाहिने और बाएं गए रास्तों पर भी पुलिस मुस्तैद है। वारदात के छह दिनों के बाद भी पुलिस कुछ घरों की तलाशी ले रही थी। इस बाबतपुलिसकर्मियों का कहना था किगांव वाले बहुत ढीठ हैं। इनसे एक हफ्ते से शूटआउट की रात के बारे में, फरार अपराधियों के बारे में पूछताछ की जा रही है, लेकिन कोई नहीं बोल रहा है।

गांव में घर घर हो रही तलाशी।

महिला हाथ जोड़कर रोनें लगी

विकास दुबे के घर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर बाएं हाथ पर एक नल लगा हुआ है। सामने ही एक घर के सामने वह महिला झाड़ू लगा रही थीं। जब उस महिला से विकास के एनकाउंटर को लेकर सवाल किया तो उसकी आंखों से आंसू छलक आए।बोली-रात दिन पुलिसवाले हमसे सवाल कर रहे हैं। घर और गांव के मर्द या तो पुलिस हवालात में हैं या फरार हैं। अब हम लोग परेशान हो गए हैं। हमें विकास के साथियों के बारे में कुछ नहीं पता है।

एनकाउंटर के सवाल पर महिला हाथ जोड़कर रोने लगी। कहा- हमें बख्श दीजिए।

विकास की वजह विनाश हो गया

विकास के घर के पीछे की ओर जाने पर रामकिशन दिखाई पड़े। उनसे बातचीत की कोशिश की तो वे तपाक से घर की ओर मुड़ गए। विकास के एनकाउंटर होनेकी बात पर वह बोलेहफ्ते भर में ही सब बर्बाद हो गया। घरों से बच्चे भागे हैं, जो हैं पुलिस उनको पकड़े हुए हैं। रोज पूछताछ हो रही है।

विकास का कुत्ता अभी भी टूटे घर के आसपास मंडरा रहा

प्रशासन ने विकास दुबे का मकान ढहा दिया था। उसका मलबाजस कातस पड़ाहै। विकास ने एक कुत्ता पाल रखा था, जो आज भी उसी मलबे के बीच घर के अहाते में बैठा है।पुलिस वालों ने ही बताया कि कुत्ता विकास का ही है। गांव वाले रोटी वगैरह दे देते हैं।

एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे का कुत्ता।


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यह तस्वीर कानपुर में विकास दुबे के गांव के पास शिवली कस्बे की है। यहां उसके एनकाउंटर के बाद जश्न का माहौल है। लोगों ने एक दूसरे को मिठाकर खिलाकर उसकी मौत पर खुशी जताई।


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