Amazon

सीओ देवेंद्र के परिवार का आरोप- ये गिरफ्तारी नहीं, उसे मौत से बचाया गया; दरोगा अनूप के पिता ने कहा- एनकाउंटर हो

उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर मंदिर से उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। वह कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद फरार हुआ था। उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था। लेकिन अब इस गिरफ्तारी पर सियासी पार्टियों के साथ दिवंगत पुलिसकर्मियों के परिजन सवाल उठाने लगे हैं। सीओ देवेंद्र मिश्र के रिश्तेदार कमलाकांत मिश्रा ने कहा कि, ये गिरफ्तारी नहीं है बल्कि उसे मौत से बचाया गया है।

मुझे विश्वास था कि विकास को बचा लिया जाएगा

देवेंद्र मिश्र ने एक चैनल से कहा कि, एक दिन पहले उसे फरीदाबाद में देखा गया। उसके अगले दिन वह सुरक्षित उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर पहुंच गया। फरीदाबाद से उज्जैन का 12 घंटे का रास्ता है। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या अकेले विकास दुबे या उसके गैंग ने नहीं किया है। उसके साथ और दूसरे लोग भी शामिल थे, जो अब उसे बचाते रहे। उन्हीं लोगों की सलाह पर विकास दुबे ने सरेंडर किया है। इसको मैं पकड़ना नहीं कहूंगा, असल में उसे मौत से बचाया गया। उसे विश्वास था कि उसे बचा लिया जाएगा। विकास दुबे का नेटवर्क एक्टिव है। इसमें शामिल लोगों की पहचान होनी चाहिए।

शूटआउट में घायल सिपाही ने कहा- फांसी की सच्ची श्रद्धांजलि होगी

कानपुर शूटआउट में बदमाशों की गोली से घायल बुलंदशहर के सिपाही अजय कश्यप ने कहा कि, विकास दुबे पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उसे फांसी मिलनी चाहिए, तभी शहीद साथियों को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी। उसने सरकार से मांग की है कि, विकास दुबे पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

गिरफ्तारी में पुलिस और राजनेता मिले हुए

इसी तरह प्रतापगढ़ के दिवंगत उप निरीक्षक अनूप सिंह के पिता रमेश सिंह ने पुलिस, राजनेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए। कहा कि, विकास की गिरफ्तारी में पुलिस और राजनेता मिले हुए हैं। तभी वह सीमा सील होते हुए भी मध्य प्रदेश तक पहुंच गया। यदि सीमा सील है तो वह कैसे पार गया? विकास का एनकाउंटर होना चाहिए। मेरा तो सबकुछ लुट गया।

सरेआम फांसी दी जाए, पीठ में छूरा मारने वालों को भी मिले सजा

कानपुर शूटआउट में मथुरा के रहने वाले सिपाही जितेंद्र पाल की भी जान गई थी। विकास की गिरफ्तारी की खबर पाकर परिवारीजनों में गुस्सा है। सभी ने कहा कि, विकास दुबे को चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए। पिता ने कहा कि, विकास से पहले उन गद्दारों को सजा मिले, जिन्होंने पीठ में छूरा मारा है। विकास दुबे मन्दिर में बेफिक्र हो कर जाता है। इसके बाद उसे पकड़ लिया जाता है। पकड़े जाने पर वह चिल्लाकर अपना नाम विकास दुबे बताता है। यह गिरफ्तारी नहीं, सरेंडर है।

पुलिस विभाग में अभी भी विकास के साथी

औरैया के रहने वाले सिपाही राहुल के परिजन भी विकास दुबे की गिरफ्तारी पर संतुष्ट नहीं हैं। पिता नेविकास दुबे के उज्जैन पहुंचने पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहाकि,आखिर विकास दुबे बॉर्डर सील होने के बाद भी कैसे निकल कर उज्जैन पहुंचा? इसकी जांच होनी चाहिए।पुलिस विभाग में अभी भी विकास दुबे के साथी हैं।विनय तिवारी समेत सभी खाकी रूपी भेड़ियों का खात्मा किया जाए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कानपुर शूटआउट में दिवंगत सीओ बिल्हौर रहे देवेंद्र मिश्र के रिश्तेदार कमलाकांत मिश्रा।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3iNwcUM
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments