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ईडी ने आईजी रेंज कानपुर से मांगी जानकारी; रडार पर गैंगस्टर के 'खास लोग', मनी लॉड्रिंग का दर्ज हो सकता है मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार सुबह यूपी एसटीएफ ने आठ पुलिसवालों की हत्या के आरोपी विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोन विकास दुबे और उसकी गैंग के खास लोगों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाने में जुट गया है। इस बाबत कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल को छह जुलाई को एक पत्र भी लिखा गया था।संपत्तियों कीजानकारी के लिए ईडी की एक टीम ने हाल ही में आईजी से मुलाकात भी की है। सूत्रों की मानें तो जल्द हीईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर विकास दुबे और उसके गैंग से जुड़े लोगों की संपत्ति के मामलों की जांच कर सकती है।

दरअसल, यूपी एसटीएफ ने एक हफ्ते पहले कानपुर के रहने वाले जय बाजपेयी को हिरासत में लिया था। जय बाजपेई, गैंगस्टर दुबे का खास है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि, जय बाजपेई विकास के नंबर दो के पैसे को नंबर एक में बदलता था। उसने विकास के पैसों को हवाला, प्रॉपर्टी व अन्य कारोबार में लगाया है। पुलिस की जांच में विकास दुबे की कई अवैध संपत्तियों के अलावा जय बाजपेईके साथ उसके लेन-देन का भी पता चला है। ईडी ने विकास के सहयोगियों की सम्पत्ति की डिटेल मांगी है।

ईडी टीमविकास दुबे और उसके परिवार के सदस्यों और उनके अन्य सहयोगियों के संपत्तियों और बैंक खातों के बारे में जानकारी कर रही है। जय बाजपेईऔर अन्य की संपत्ति और बैंक से जुड़ी जानकारी भी कानपुर पुलिस से भी मांगी गई है।ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विकास दुबे की संपत्तियों से संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक टीम कानपुर गई थी। इस दौरान उससे जुड़े लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई गई है। ईडी दरअसल अपराध के जरिए हुई कमाई के निवेश के बारे में पता कर रही है। अधिकारी ने कहा कि प्राप्त सूचना के आधार पर अगर लगेगा कि मामला जांच के लायक है तो ही केस दर्ज किया जाएगा अथवा नहीं।



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यह तस्वीर विकास दुबे (बाएं से दूसरा) की है। इस फोटो में उसका खास सहयोगी जय बाजपेई (दाहिने से पहला शख्स) भी है। अभी वह एसटीएफ की हिरासत में है। -फाइल फोटो


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