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कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिस वालों की हत्या का आरोपी और चौबेपुर थाने का गैंगस्टर विकास दुबे 10 जुलाई की सुबह अपने अंजाम को पहुंच चुका है। उज्जैन से गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे कानपुर ला रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले भौंती में गाड़ी पलट गई। इत्तेफाक से विकास दुबे जिस गाड़ी में था, वह वही थी। इसके बाद पुलिसकर्मी की पिस्टल छिनकर फायरिंग कर रहे विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया गया। लेकिन अब उसकी गैंग के साथियों और आश्रयदाताओं पर पुलिस शिकंजा कस रही है। गैंगस्टर अपने साथ 12-14 असलहे रखता था, जिनमें अधिकांश के लाइसेंस दूसरों के नाम पर बने थे। ऐसे असलहों के लाइसेंस की फाइल डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने तलब की है। वहीं, बिकरू गांव में भी पुलिस ने शूटआउट के दौरान लूटे गए असलहे और अवैध असलहों की तलाश तेज की है।
48 घंटे में मांगी गई रिपोर्ट
डीजीपी मुख्यालय ने कानपुर पुलिस से कहा है कि, 24 घंटे के भीतर असलहों के निरस्तीकरण को लेकर क्या कार्रवाई की गई है? इसके अलावा बिकरू गांव में दो जुलाई को हुए शूटआउट में शामिल रहे नामजद आरोपियों के लाइसेंस की भी सूचना मांगी गई है। विकास दुबे के भाई की पत्नी के नाम भी लाइसेंस है। इसे भी निरस्त किया जाएगा। विकास दुबे अपने रसूख के बल पर कानपुर में कई लोगों के लाइसेंस बनवाए थे, जिनका इस्तेमाल वह खुद के लिए करता था।
अभी तक पुलिस को इनके पास असलहे की मिली जानकारी-
- विष्णुपाल पुत्र देवी लाल, बिकरू शूटआउट में नामजद हैं। इनके पास रिवाल्वर और डबल बैरल बंदूक का लाइसेंस है।
- जहान यादव पुत्र गेंदालाल यादव के नाम डबल बैरल बंदूक है।
- दयाशंकर पुत्र श्याम नारायण के नाम से सिंगल बैरल बंदूक है।
- आलोक पुत्र मदनलाल के नाम डबल बैरल बंदूक हैं।
- राम सिंह पुत्र छोटेलाल के नाम डबल बैरल बंदूक।
- श्रीकांत पुत्र बबन शुक्ला के नाम डबल बैरल बंदूक।
- यादवेंद्र पुत्र गेंदालाल के नाम राइफल।
- राजन पुत्र जिल्ल्लेदार के नाम डबल बैरल।
- दीपक पुत्र रामकुमार के नाम राइफल, और अंजली दुबे पत्नी दीपक दुबे के नाम एक रिवाल्वर का लाइसेंस है। इन सभी के शस्त्र लाइसेंस की फाइल तलब की गई है।
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