उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास करेंगे। इस तीन दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है। सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, भारत की मिट्टी में जन्मीं प्रमुख 36 परंपराओं के 135 संतों और अन्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। नेपाल के संत भी आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि, निमंत्रण पत्र और परिचय पत्र समारोह में लाना अनिवार्य होगा। 10:30 के बाद समारोह में एंट्री नहीं मिलेगी।
राय ने बताया कि निमंत्रण पत्र पर सिक्योरिटी कोड है, जो एक ही बार इस्तेमाल होगा। कार्यक्रम में मोबाइल और बैग लाना भी प्रतिबंधित है। मंच पर पीएम के साथ ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी रहेंगे। पीएम 9 शिलाओं की स्थापना करेंगे।
राम के हरे पोशाक पर विवाद क्यों?
चंपत राय ने पांच अगस्त को भगवान राम को पहनाए जाने वाले हरे रंग के पोशाक पर खड़े हुए विवाद पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों को पीएम मोदी से भय है या वे हरे रंग से प्रभावित हैं, यह मुझे नहीं मालूम।भगवान राम के श्रृंगार में वस्त्रों का चयन करना मुख्य पुजारी की जिम्मेदारी है और यही परंपरा है। इसका संबंध पीएमओ या ट्रस्ट से नहीं है। हरा रंग प्रकृति का रंग है। यह भारत की समृद्धि का प्रतीक है। बुध ग्रह का संबंध हरे रंग से है। इस परंपरा का पालन जबसे रामलला विराजमान वहां बैठे हैं तब से किया जा रहा है। इस पर टिप्पणी करना किसी अन्य प्रकार के पूर्वाग्रह का द्योतक है। दरअसल, कुछ लोगों ने इसे इस्लाम से जोड़ दिया था।
इन परंपरा के संतों को मिला निमंत्रण
चंपत राय ने कहा कि, दशनामी सन्यासी परंपरा, रामानंद वैष्णव परंपरा, रामानुज परंपरा, नाथ परंपरा, निंबार्क, माधवाचार्य, वल्लभाचार्य, राम सनेही, कृष्ण प्रणामी, उदासीन, निर्मल संत, कबीर पंथी, चिन्मय मिशन, रामाकृष्ण मिशन, लिंगायत, वाल्मीकि संत, रविदासी संत, आर्य समाज, सिख समाज, बौद्ध, जैन, संत कैवल्य ज्ञान, संत पंथ, इस्कान, स्वामी नारायण, वारकरी, एकनाथ, बंजारा संत, वनवासी संत, आदिवासी गौण, गुरु परंपरा, भारत सेवाश्रम संघ, आचार्य समाज, संत समिति, सिंधी संत, अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी को निमंत्रण दिया गया है। उन्होंने बताया कि, चातुर्मास में पीठ पर जो संत बैठे हैं, उनके नाम लिस्ट से हटाए गए। एक-एक व्यक्ति से फोन से वार्ता कर पूछा गया कि आप आ पाएंगे या नहीं।
108 दिन से चल रहा राम जन्मभूमि पर पूजन
भूमि पूजन कार्यक्रम 5 अगस्त को पीएम मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में वैदिक रीति रिवाज से होगा। श्रीराम जन्मभूमि पर पूजन का यह क्रम 108 दिन पहले 18 अप्रैल 2020 से शुरू हो गया था। इसमें हर दिन वेदपाठ, पुरुष सूक्त, श्रीसूक्त, अघोर मंत्र, वास्तु ग्रह, नक्षत्र शांति के पाठ और विश्व सहस्त्र नाम, श्रीराम सहस्त्रनाम, हनुमान सहस्त्र नाम, दुर्गा सप्तशती पाठ के मंत्रों द्वारा हवन और रुद्राभिषेक भी किया गया। इससे संपूर्ण क्षेत्र प्रचंड आध्यात्मिक उर्जा से ओतप्रोत रहे।
महाराष्ट्र सीएम ने दिया तीन करोड़ दान
पूरे देश से 1500 से अधिक स्थानों से पवित्र मिट्टी और 2000 से भी अधिक स्थानों और देश की 100 से भी अधिक पवित्र नदियों और कुंडों से जल रामभक्तों द्वारा अयोध्या लाए गए हैं। इसके अलावा तमाम जगहों से मिट्टी और जल कोरियर द्वारा तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय अथवा कारसेवकपुरम् में आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के खाते से तीन करोड़ दान देने का एलान किया है। इसमें एक करोड़ सीएम ने भेज दिया है। मोरारी बापू की तरफ से 18 करोड़ की राशि मिल चुकी है।
शेयर करें हम से अपने अनुभव
राय ने कहा कि हमारी यह इच्छा थी कि 1984 में शुरू हुए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के 77वें आंदोलन में हिस्सा लेने वाले रामभक्त बड़ी संख्या में उपस्थित रहते। लेकिन, वर्तमान समय में कोरोना महामारी के कारण ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि, अपने जिले में या कहीं और कोई कार्यक्रम करें तो उसके फोटो, वीडियो श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने की शुभकामनाओं सहित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम एकाउंट पर शेयर करें। लेकिन, किसी को यह चिढ़ाने का कार्यक्रम नहीं है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/31eJP7K
via IFTTT
0 Comments