कानपुर शूटआउट मामला और गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में गठित तीन सदस्यीय जांच आयोग ने शहर पुलिस और प्रशासन से अब तक हुई कार्रवाई का ब्योरा तलब किया है। इसमें विकास दुबे और उसकी गैंग पर दर्ज मुकदमे, दो जुलाई की रात बिकरु गांव में हुए शूटआउट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि जानकारियां शामिल हैं। इसके लिए दो दिन का समय दिया गया है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन जानकारी जुटाने में जुट गया है।
योगी सरकार ने एकल सदस्यीय आयोग बनाया था
दरअसल, योगी सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित किया था। लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन सदस्यीय आयोग बनाया गया। इसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान को नेतृत्वकर्ता बनाया गया। जबकि, पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता और जस्टिस शशिकांत को भी शामिल किया गया। बीते मंगलवार को तीनों सदस्यों ने बिकरु गांव का दौरा किया। इससे पहले कानपुर सर्किट हाउस में आईजी मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी और एसएससी डॉ. प्रीतिंदर सिंह से घटना की संपूर्ण जानकारी ली थी।
मिनट-टू-मिनट कार्रवाई की जानकारी तलब की
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयोग ने बिकरुकांड से संबंधी सभी दस्तावेज मांगे हैं। जिसमें अब तक दर्ज हुईं सभी एफआईआर, मृत पुलिसकर्मियों और एनकाउंटर में मारे गए बदमाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ ही अब तक की कार्रवाई का ब्योरा व अन्य दस्तावेज मांगे हैं और फॉरेंसिक रिपोर्ट भी मांगी है। खासतौर से दो जुलाई की वारदात और विकास दुबे के एनकाउंटर की फॉरेंसिक रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। आयोग ने पुलिस से असलहों का विवरण भी लिखित रुप में मांगा है। विकास दुबे व उसके साथियों पर कितने मुकदमे हैं? और उन मुकदमा पर क्या कार्रवाई हुई थी? सभी अपराधियों के पास कौन-कौन से असलहे थे? आपराधिक इतिहास होने के बावजूद किसकी लापरवाही व अनदेखी या मिलीभगत से शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए इसका लिखित जवाब मांगा है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो आयोग ने घटनाक्रम की मिनट 2 मिनट की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही साथ कांड में जांच के दायरे में आ रहे पुलिसकर्मियों की संपूर्ण जानकारी के साथ-साथ सीडीआर रिपोर्ट भी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक 2 दिन के अंदर पुलिस को रिपोर्ट भेजनी है। जिसको लेकर पुलिस सारे दस्तावेज इकट्ठा करने में जुटी हुई है।
क्या है कानपुर शूटआउट?
कानपुर के चौबेपुर थाना के बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे और उसकी गैंग ने 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। अगली सुबह से ही यूपी पुलिस विकास गैंग के सफाए में जुट गई। 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर से सरेंडर के अंदाज में विकास की गिरफ्तारी हुई थी। 10 जुलाई की सुबह कानपुर से 17 किमी पहले पुलिस ने विकास को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में अब तक 8 वांछित गिरफ्तार किए गए हैं। जबकि, मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत छह एनकाउंटर में मारे गए हैं। अभी 8 नामजद आरोपी फरार चल रहे हैं।
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