इटावा जिले के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में अवैध वसूली कर कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव देने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट निगेटिव दिलवाने में अस्पताल के कर्मियों के अलावा दलाल भी सक्रिय हैं। इस बाबत वीडियो भी सामने आया है।
ठगों ने रविंद्र नाम के सिपाही को भी 500 रुपए लेकर निगेटिव रिपोर्ट थमा दी। इस संबंध में सिपाही ने सिविल लाइन थाने में आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज कराया है। वहीं, सीएमओ एनएस तोमर ने पुलिस से जांच कराए जाने की बात कही है। लेकिन, विभागीय जांच शुरू न कराए जाने से सीएमओ की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में ट्रूनैट मशीन लगी है, जिससे कोविड-19 की जांच कुछ घंटे में मिल जाती है। लेकिन, मशीन को अस्पताल के कुछ कर्मियों ने नोट छापने की मशीन में तब्दील कर दिया है। 500 रुपए से लेकर दो हजार रुपए तक बिना जांच किए रिपोर्ट देने के लिए वसूले जा रहे हैं।
वीडियो में क्या है?
एक वीडियो डीएम आवास के सामने का है। यहां जिला अस्पताल कर्मी अखिलेश ने अस्पताल के पर्चे पर निगेटिव रिपोर्ट लगाने के लिए पहले पर्चा लिया और बोला कि देख रहे हैं कि रिपोर्ट अभी लग जाएगी। दूसरे शख्स ने कहा कि रुपए अभी दें। तब अखिलेश ने कहा कि हमें तो वहीं देना पड़ेगा। अगर हो जाएगा काम तो ठीक वरना हम तो यही आएंगे लौटकर।
एक अन्य वीडियो में बोला गया कि साइड में जाओ पर्चे में रख कर ले आओ पैसे। इसके बाद रिपोर्टर ने पर्चे में रखकर रुपए दिए। इन दोनों वीडियो में किसी की भी जांच नहीं की गई है। सिर्फ पर्चे पर मोहर लगाकर दी गई और कहा गया 3 दिन बाद वॉट्सऐप पर एक रिपोर्ट भेज देंगे।
अधिकारी मामला दबाने में जुटे
अस्पताल कर्मियों द्वारा रिश्वतखोरी के पूरे प्रकरण में सीएमओ एनएस तोमर जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए। अब तक किसी कर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। न ही विभाग की तरफ से कोई जांच शुरू कराई गई है। सीएमओ ने कहा कि चूंकि पुलिस ने मामला दर्ज किया है तो विवेचना वही करेंगे। इस काम में जिला अस्पताल के बाहर के लोग भी शामिल हैं।
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