उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में शुक्रवार को एक युवक ने पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पिता का आरोप है कि लूट के झूठे आरोप में पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया था। दो दिन बाद उसे छोड़ा गया। इस दौरान प्राइवेट पार्ट में चोट पहुंचाई गई। केस खत्म करने के लिए 50 हजार रुपए की डिमांड की गई। पुलिस के भय के कारण युवक ने सुसाइड किया है। सूचना देने के चार घंटे के बाद पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
चूड़ी कारखाने में काम करता था युवक
यह मामला थाना नगला सिंघी क्षेत्र के अंतर्गत धीरपुरा गांव का है। गांव निवासी पिंटू (33 साल) चूड़ी का काम करता था। उसकी पत्नी नीलम गृहस्थी चलाने में सहयोग करती थी। उसके चार बच्चे रागिनी (7 वर्ष), राघव (5 वर्ष), कल्लो (3 वर्ष) व प्रज्ञा (1 वर्ष) है। पिंटू ने शुक्रवार को गांव के बाहर नीम के पेड़ से लटककर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
सीओ बोले- आरोप बेबुनियाद
पिता सूबेदार दिवाकर का कहना है कि मेरे बेटे को 28 सितंबर को गढी भाऊ पर हुई लूट में झूठा फंसाकर पुलिस थाने ले गयी। शाम 6:30 बजे वारदात हुई थी। जबकि बेटा उस वक्त चूड़ी कारखाने में था। पुलिस ने 30 सितंबर तक उसे अपनी हिरासत में रखा। इस दौरान थर्ड डिग्री टार्चर दिया गया। उसके शरीर पर चोट के निशान भी हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि पूछताछ के लिए बुलाया था उसके बाद छोड़ दिया था। आरोप बेबुनियाद हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34m5c8H
via IFTTT
0 Comments