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गोंडा. उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने जेएनयू छात्र शरजील के भारत विरोधी बयान पर कहा कि, भारत के अंग को आजाद करने का प्रयास करने वाले को बड़ी कठिनाई होने वाली है। इन्हें संविधान एक बार पढ़ना चाहिए, असम को अलग करने की इजाजत संविधान नहीं देता है। ऐसे शख्स को कभी जमानत नहीं मिलनी चाहिए। सही जगह सलाखों के पीछे है।
सिद्धार्थ नाथ सिंह रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर गोंडा में थे। उन्होंने यहां पुलिस लाइन में ध्वजारोहण किया और उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। शाहीन बाग में सीएए के विरोध में जारी प्रदर्शन पर उन्होंने कहा- शाहीन बाग की असलियत सामने आ ही गई है। कांग्रेस के नेता और कुछ अन्य लोग हैं, जो इसको आगे लेकर जाने का प्रयास कर रहे हैं। फंडिंग भी करते हैं। ये एक प्रायोजित षड्यंत्र है।
कहा उनकी मंशा तो भारत के टुकड़े टुकड़े करने की है। भारत को अलग करने की है। गणतंत्र दिवस वह मानने वाले नहीं हैं। विपक्ष के लोग राजनीति से प्रेरित होते हुए जब उनका समर्थन करते हैं तो वह गणतंत्र दिवस के दिन भी देश के लिए अपमान ही करते हैं।
मंत्री ने अकबरुद्दीन ओवैसी द्वारा मुगल शासकों के बारे में पढ़े गए कसीदे पर पलटवार करते हुए कहा- इन लोगों की कठिनाई यही है और इसलिए वह भारत के कभी बन नहीं पाए और हमेशा जब वह भारत में रह रहे हैं तो भारत का सम्मान करें, उसके गणतंत्र का करें, संविधान का करें। भारतीय बनने का प्रयास करें, कुछ और बनने का प्रयास करेंगे तो फिर आप भारत में आप क्यों रहते हैं यह प्रश्न उनसे पूछा जाएगा?
from Dainik Bhaskar
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