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मेरठ. जिले में पल्स पोलियो अभियान की टीम को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। बताया गया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर)का डाटा तैयार करने वाली टीम समझकर पहले उनके रजिस्टर और सरकारी कागज़ात फाड़े गए फिर स्टाफ की एक महिला के साथ अभद्रता भी की गई। इसके बाद दोनों कर्मचारियों को करीब एक घंटे तक घर में बंधक बनाए रखा। बाद में टीम ने थाने पहुंचकर इसकी शिकायत करते हुए स्टॉफ की एक महिला के साथ अभद्रता किए जाने की तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस नेजांच शुरू कर दीहै।
पूरी टीम के साथ थाने पहुंचकर दी तहरीरपुलिस के अनुसार, जिले के लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के लक्खीपुरा में 'पल्स पोलियो' अभियान की टीम बच्चों को दवाई पिलाने गई थी। इस दौरान टीम जैसे ही अलीबाग कॉलोनी में पहुंची तो वहां दवा पिलाने को लेकर एक परिवार के लोगों से इनकी बहस हो गई। इस बीच वहां एक व्यक्ति पहुंचा और उसने शोर मचा दिया कि यह एनपीआर और एनआरसी का डाटा तैयार कर रहे हैं। इसके बाद वहां भीड़ लग गई।
वहीं भीड़ को देख टीम के सदस्य वहां से जाने लगे तो उन्हें पकड़कर बंधक बना लिया गया। इसके बाद किसी तरह वे वहां से जान बचाकर भागे। पीड़ित लोगों ने रविवार को पूरी टीम के साथ लिसाड़ीगेट थाना पहुंचकर तहरीर दी है। तहरीर में बताया गया कि उनके साथ मारपीट व अभद्रता की गई है।
टीम में दीपक निवासी शताब्दीनगर और एक महिला स्टाफ के साथ मारपीट और अभद्रता की गई है। थाने में तहरीर ले ली गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ मारपीट, अभद्रता और कई धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राजकुमार ने कहा कि रविवार को एक टीम पोलियो का टीका लगाने गई थी, जहां लोगों से परिवार में बच्चों की संख्या के बारे में पूछताछ की गई थी। यह पोलियो के सर्वे अभियान का एक हिस्सा था। लोगों ने एपीआर का आंकड़ा जुटाने वाली टीम समझकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया है। इसकी जांच करायी जा रही है।
from Dainik Bhaskar
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