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तनु एस, बेंगलुरू. नए दशक में फैशन वेस्ट कम होने वाला है। मटेरियल इनोवेशन्स और टेक्नोलॉजी मिलकर फैशन इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदलने वाले हैं। फैशन का यह नया दौर कीमत पर भी असर दिखाएगा और इंडस्ट्री के नैतिक मूल्यों पर भी। कुछ कंपनियां अपनी इनोवेटिव पहल से फर्क लाना शुरू भी कर चुकी हैं...
1. 'बोल्ट थ्रेड्स' ने माइक्रोसिल्क और मायलो लेदर तैयार किया है। धागे जैसे सेल इसे टिकाऊ और बायोडिग्रेडेबल बनाते हैं। किसी भी लेदर से ज्यादा किफायती है। माइक्रोसिल्क भी बायोडिग्रेडेबल है जो बायोइंजिनियरिंग यीस्ट से बनता है।
2. 'फुटफॉल्स एंड हार्टबीट्स' टेक्सटाइल्स को सेंसर्स में बदलकर विअरेबल्स को अगले स्तर पर ले जा रही है। कंपनी ने सिलाई तकनीक का पेटेंट करवाया है जिसमें फैब्रिक सेंसर का काम करेगा। 2021 में यह जूतों और कपड़ों में नजर आएगी। कपड़े दबाव और तनाव महसूस करेंगे जिससे यूजर अधिक जानकार बनेगा।
3. "टेंसेल' ने पेड़ों का पल्प तैयार कर नया फाइबर बनाया जो प्राकृतिक, मजबूत और बायोडिग्रेडेबल है। रिफाइब्रा रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी कॉटन पल्प तैयार कर नए फाइबर बनाती है। टेंसेल फाइबर्स को लिवाइस, बनाना रिपब्लिक, पेटागोनिया इस्तेमाल करती हैं।
4. स्पैनिश निर्माता का ड्राय इंडिगो फैब्रिक किसी फैशन क्रांति से कम नहीं है। कंपनी का लक्ष्य सबसे टिकाऊ मटेरियल बनाने का है। ड्राय इंडिगो को बिना पानी के तैयार किया जाता है। इसे बनाने में बिजली 65 प्रतिशत तक कम लगती है और केमिकल का उपयोग भी 90 फीसद तक कम होता है। जबकि एक जोड़ी जीन्स को पारंपरिक ढंग से बनाने में इतना पानी खर्च होता है जितना एक वयस्क लगभग सात साल तक पी सकता है।
from Dainik Bhaskar
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