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गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के चार दिवसीय कार्यकर्ता बैठक में नागरिकता संशोधन अधिनियम और नेशनल पापुलेशन रजिस्टर पर देश में हो रहे विरोध पर भी चर्चा हुई। समाजिक समरसता के सत्र में कहा गया कि जन्मजात विषमता को हटाकर समाज में न्याय का वातावरण तैयार करना ही सामाजिक समरसता है। इस मौके पर संघ के सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि परिवार के भीतर देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत करने का प्रयास करना चाहिए।
दत्तात्रेय ने दी पड़ाेसियों से मंगल संवाद करने की नसीहतदत्तात्रेय होसबोलेशुक्रवार देर शामसूरजकुंड क्षेत्र स्थित सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आरएसएस के पूर्वी क्षेत्र के प्रचारकों और कार्यकर्ताओं की बैठक के पहले सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि के माध्यम से समाज में पारिवारिक आत्मीयता एवं देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जागृत करने के प्रयास विभिन्न उपक्रमों द्वारा किये जाते हैं। इसके लिए उन्होंने विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि अपने घर पर परिवार के सभी सदस्य सामूहिक भोजन और भजन के लिए प्रतिदिन या सप्ताह में एकत्रित हों एवं मंगल संवाद करें। महीने में अपने पड़ोसियों से मंगल संवाद करें। अपना घर जिन सेवाकर्मी बन्धुओं की सहायता से चलता है, उनके साथ संवाद एवं स्नेह का व्यवहार करें। त्यौहार एवं अन्य प्रसंगों पर उन्हें सम्मान सहित आमंत्रित करें।
सामाजिक समरसता के लिए परिवार को मजबूत करने पर जोर
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि इसके अलावा नव दम्पत्तियों में सहयोग, सहभागिता, सहनशीलता, संयम, चारित्र एवं जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना हमारा कर्तव्य है। घर परिवार से आलस्य, गलत सामाजिक मान्यताएं, बौद्धिक जड़ता, भय, स्वार्थ एवं अहंकार का त्याग करने की बातचीत होनी चाहिए एवं त्याग करने की मानसिकता बने ऐसा प्रयास करना चाहिए। इन उपकरणों के माध्यम से घर में देवालय, विद्यालय, आदरालय, सेवालय का वातावरण बनाने में सहायता मिलेगी। ऐसा करना कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि का लक्ष्य है।
from Dainik Bhaskar
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