
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में मंत्रालय ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने किस आधार पर नीतिगत फैसले लिए हैं। दरअसल, कार्यवाहक कुलपति रहने के दौरान वह किसी भी प्रकार के नीतिगत फैसले नहीं ले सकते थे। मंत्रालय ने यह कार्रवाई कुछ शिकायतों के आधार पर की है।
विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी के खिलाफ मंत्रालय को शिकायत भेजी गई थी कि वे नियमों के विपरीत जाकर नीतिगत निर्णय ले रहे हैं। पिछले दिनों मंत्रालय की ओर से कार्यवाहक कुलपति को पत्र जारी कर कहा गया था कि वह केवल रुटीन के कार्य करेंगे और नीतिगत निर्णय नहीं लेंगे, क्योंकि नीतिगत फैसले करने का अधिकार स्थायी कुलपति के पास होता है।पिछले दिनों कुलपति ने कुछ ऐसे निर्णय लिए, जिनको लेकर काफी विवाद हुआ।
मना करने के बावजूद कुलपति ने लिए कई निर्णय
शिकायतों में कहा गया है कि कुलपति ने कई नीतिगत निर्णय लिए हैं, जिसका अधिकार उनके पास नहीं है। उनके रहते इविंगक्रिश्चियन कॉलेज की डिग्री रोके जाने का निर्णय हुआ। वणिज्य विभाग में पीएचडी प्रवेश को निरस्त कर दिया गया और इविवि के जेके इंस्टीट्यूट से एमसीए पाठ्यक्रम को समाप्त करने का फैसला किया गया। साथ ही मंत्रालय के निर्देश के बाद भी स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों का नए सिरे से चयन नहीं किया गया।ऐसे ही कुछ विवादित निर्णयों के मामले में मंत्रालय तक शिकायत पहुंची है और इसी आधार पर मंत्रालय ने नोटिस जारी कर कार्यवाहक कुलपति से सपष्टीकरण मांगा है।
रतनलाल हांगलू के इस्तीफे के बाद अभी तक नहीं हुई कुलपति का स्थायी नियुक्ति
इविवि के स्थायी कुलपति का पद जनवरी 2020 से खाली है। विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू ने एक जनवरी को अपना इस्तीफा भेजा था, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तत्काल मंजूर कर लिया था। राष्ट्रपति के आदेश पर पूर्व कुलपति पर लगे यौन उत्पीडन, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक, अकादमिक गड़बड़ी के आरोपों की जांच जारी है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35Sb61s
via IFTTT
0 Comments