उत्तर प्रदेश में कानपुर के जेके कैंसर अस्पताल में मंगलवार को एक कैदी ने टॉयलेट में गमछे से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। कैदी मुंह के कैंसर से पीड़ित था। उसे इलाज के लिए फतेहगढ़ की सेंट्रल जेल से कानपुर भेजा गया था। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के आलाधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमाटर्म के लिए भेजा है।
मृतक कैदी बिल्लू (38) जनपद जालौन के मऊरानी गांव का रहने वाला था। उसे हत्या के एक प्रकरण में आजीवन कारावास की सजा मिली थी। वो फतेहगढ़ की सेंट्रल जेल में बंद था। मुंह के कैंसर के चलते कई दिनों से उसकी तबियत खराब थी। जिस पर उसे कानपुर के जेके कैंसर अस्पताल में एडमिट कराया गया था। उसकी सुरक्षा के लिए में अस्पताल में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। लेकिन बंदी रक्षकों से बिल्लू टॉयलेट जाने की बात कहकर निकला। जब वो काफी देर तक टॉयलेट से नहीं लौटा तो बंदी रक्षकों ने अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। इसके बाद वार्ड बॉय से टॉयलेट का किसी तरह से दरवाजा तुड़वाया गया। भीतर बिल्लू का शव फंदे से लटक रहा था।
डिप्टी एसपी अजीत सिंह ने बताया कि, 28 मई को राजकीय जेके कैंसर संस्थान कानपुर में फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदी एडमिट कराया गया था। उसका कैंसर फोर्थ स्टेज में था। आजीवन कारावास और कैंसर की वजह से वह अवसाद में आ गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि इसी अवसाद की वजह से उसने आत्महत्या कर ली है। एसीएम-छह द्वारा पंचायत नामा भरा गया है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
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