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श्रमिकों की वापसी को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार के काम को सराहा, कहा- महामारी के समय अपने हितों के तहत कार्य न करें राजनीतिक दल

लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार की पीठ थपथपाई है। कोर्ट नेराज्य सरकार केप्रयासों की तारीफ की है। वहीं, दूसरी तरफ 'बस पॉलिटिक्स' पर अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिवप्रियंका गांधी को नसीहत भी दी। कोर्ट ने कहा हैकि महामारी के समय किसी भी को भी अपने हितों के तहत काम नहीं करना चाहिए, चाहे वह कोई राजनीतिक दल ही क्यों न हो।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ नेकहा कि राज्य सरकार ने श्रमिकों को लाने के लिए जो प्रयास किए, वह उत्साहजनक थे। जस्टिस राजेश सिंह चौहान की एकलपीठ ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के महासचिव संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है।कोर्ट ने मामले कीअगली सुनवाईके लिए 29 जून का समय दिया है।

27 दिन बाद जेल से बाहर निकले थे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

दरअसल, कांग्रेस ने मजदूरों को लाने के लिए एक हजार बसों की सूची दी थी, जिसमें से कई बसों के नंबर फर्जी निकले थे। पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और संदीप सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।अजय कुमार लल्लू बुधवार को जेल से बाहर आए हैं। 27 दिनों के बाद जेल से बाहर आने पर गुरुवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और यूपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें जेल में यातनाएं दी गईं। कष्ट दिए गए और एक सामान्य कैदी की तरहव्यवहार किया गया। उन्हें उनके वकील तक से नहीं मिलने दिया गया।



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श्रमिकों की वापसी को लेकर योगी सरकार और कांग्रेस के बीच जमकर सियासी घमासान हुआ था। दोनों दलों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए थे। इसी मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को जेल जाना पड़ा था।


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