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प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था कोरोना संक्रमित का इलाज, प्रशासन ने छापा मारा तो डॉक्टर, स्टॉफ फरार, केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में नियमों को ताक पर रखकर प्राइवेट अस्पताल द्वारा कोरोना से संक्रमित के इलाज का मामला सामने आया है। प्राइवेट अस्पताल को इलाज के लिए अधिकृत नहीं किया गया था। इस बात की भनक लगने पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की तो मरीज, डॉक्टर व कर्मचारी मौके से फरार हो गए। टीम की अगुवाई कर रहे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल ने तत्काल अस्पताल को सील करा दिया है। लापरवाही का आलम ये है कि, अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा था।

डॉक्टर पर केस दर्ज दर्ज
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह ने बताया कि, गौतम बुद्धा अस्पताल में महाराजगंज के पनरिया का रहने वाला कोरोना संक्रमित 39 साल का एक शख्स पांच दिन पहले भर्ती हुआ था। वह सफाईकर्मी था। जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ छापा मारा तो डॉक्टर व स्टॉफ भाग निकले। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। अस्पताल को सील कर दिया गया है। आसपास के 250 मीटर परिधि क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन और 500 मीटर परिधि क्षेत्र को बफर जोन बनाया गया है। इस क्षेत्र में आवागमन बाधित रहेगा।

इस तरह मरीज का पता चला

सीएमओ डॉक्टर श्रीकांत ने बताया कि, कैंट थाने में डॉक्टर के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि, सफाईकर्मी का 13 जून को महाराजगंज में जांच के लिए नमूना लिया गया था। इसके बाद वह घर चला गया। दूसरे दिन पेट में दर्द हुआ तो वह परिवार के आठ सदस्यों के साथ गोरखपुर चला आया। गुरुवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद महाराजगंज के स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों ने यहां आने की सूचना दी थी। जब तक टीम पहुंची डॉक्टर, स्टाफ फरार हो चुके थे। एक कर्मचारी पकड़ा गया है। उसने सारी जानकारी दी है।



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यह तस्वीर गोरखपुर की है। छापेमारी के दौरान अस्पताल के बाहर खड़े ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव।


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