कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे के साथ पुलिस की मुठभेड़में सीओ बिल्हौर समेत आठ जवानोंकी मौत हुई थी। बीते पांचदिन में अब तक शूटआउट में शामिल रहे तीन बदमाशों को पुलिस ने मार गिराया है। जबकि चार अरेस्ट हुए हैं। लेकिन ढाई लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।वहीं, दो दिनों से यूपी एसटीएफ लखनऊ मेंएक ऐसे शख्स से पूछताछ कर रही है, जो भगौड़े विकास दुबे के अपराधिक दुनिया का अहम किरदार बताया जा रहा है। नाम है जय बाजपेई। बीते रविवार को कानपुर में लावारिस मिलीं तीन कारें उसकी ही थीं। पुलिस को शक है कि, विकास दुबे की फरारी में जय दुबे ने अपनी कार मुहैया कराई थी। एसटीएफ की पूछताछ में अहम खुलासे हुए हैं।
चाय की टपरी से करोड़पति बनने का सफर आठ साल में तय किया
ब्रह्मनगर निवासी जय बाजपेई आठ साल पहले तक नजीराबाद क्षेत्र स्थित एक प्रिंटिंग प्रेस में चार हजार की तनख्वाह पर नौकरी करता था। उससे पहले वह चाय की टपरी (छोटी सी दुकान) चलाता था। प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करने के दौरान ही वह गैंगस्टर विकास दुबे के संपर्क में आया। इसके बाद उसने विकास के साथ मिलकर विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त में साथ देने लगा। कुछ ही दिनों में जय बाजपेई ने अपनी ईमानदारी से विकास का विश्वास जीत लिया।
कहा जाता है कि, इसके बाद विकास दुबे जय के कहने पर बड़ा इन्वेस्टमेंट करने लगा। कुछ सालों में जय अकूत संपत्ति का मालिक बन गया और वह बाजार में ब्याज पर पैसे बांटने लगा। वह विकास दुबे के नंबर दो के पैसे को नंबर एक में करता था। जय बाजपेई काकानपुर-लखनऊ रोड पर एक पेट्रोल पंप भी है। सूत्रों की माने तो अपराधी विकास दुबे का फाइनेंसर होनेकी जानकारी पुलिस को हो रही है। क्योंकि कुछ हफ्ते पहलेही कारोबारी जय बजपेई ने अपराधी विकास दुबे के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। पुलिस को इस बात का भी संदेह है कि मार्केट में बंटा हुआ ब्याजका पैसा अपराधी विकास दुबे का ही है और जिसका एक हिस्सा जय बजपेई को भी मिलता है।
क्या बोली जय बाजपेई की मां?
कारोबारी जय बाजपेई की मां प्रसून देवी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पुलिस उनके बेटे को फंसा रही है। जिसे पकड़ना चाहिए पुलिस उसे पकड़ नहीं रही है और बेवजह उनके बेटे को परेशान कर रही है। उनके बेटे का किसी भी अपराधी से कोई संबंध नहीं है। लेकिन कम समय में इतनी तरक्की के सवाल का जवाब वह नहीं दे पाईं और पत्रकारों पर ही नाराजगी व्यक्त करने लगीहैं।
आसपास के लोगों ने कही ये बात
कारोबारी जय बाजपेईका निवास कानपुर के ब्रह्म नगर स्थित चौराहे के पास है। यहां पर मौजूद क्षेत्रीयलोगों ने बताया कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कम समय में जय बुलंदियों पर पहुंच गए। लेकिन कैसे पहुंचे इसके बारे में ज्यादा कोई जानकारी नहीं है। जो पता है उसके हिसाब से क्षेत्र में ठीक-ठाक पैसा ब्याज पर बंटा हुआ है और बहुत सारे मकान हैं। जिनका किराया भी आता है पर इस बात की जानकारी नहीं है की उनका विकास दुबे से क्या संबंध है और ना ही इस बात की जानकारी है कि जो गाड़ियां अज्ञात रूप में मिली वह गाड़ियां जय बाजपेई ने अपने नाम पर क्यों नहीं ली थी।जबकि इन गाड़ियों के इस्तेमाल वह खुद करते थे। पड़ोसियों ने तो यहां तक बताया कि दोनों ही भाई अपराधी प्रवृत्ति के हैं। आए दिन लोगों से मारपीट करना कोई बड़ी बात इनके लिए नहीं है। लेकिन इतने बड़े अपराधी से इनका कोई संबंध है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है।
मां और पत्नी से भी पुलिस ने की पूछताछ
कारोबारी जय बाजपेईके ब्रह्मनगर स्थित घर पर मंगलवार दोपहर पुलिस ने अचानक छापा मारा और जय की पत्नी श्वेता व मां प्रसून देवी से पूछताछ की। इस दौरान पुलिस ने काफी देर तक घर के अंदर रहकर मां और पत्नी से जानकारी इकट्ठा की है।
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