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मोस्ट वांटेड विकास दुबे ने घर में बना रखा था वायरलेस कंट्रोल रूम, मकान के मलबे मिले कई जाली पहचान पत्र; तीन बम भी मिले

डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे के खिलाफ जांच का पांचवा दिन है। मंगलवार को उसके घर के मलबे पर जांच करने पहुंची पुलिस टीम के हाथ अहम सबूत लगे हैं।विकास दुबे ने अपने घर में एक वायरलेस कंट्रोल रूम बना रखा था। इसके इस्तेमाल वह अपने गुर्गों से संपर्क में बने रहने के लिए करता था। उसके घर से कई पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं। जिन पर फोटो किसी की तो नाम व पते किसी और के हैं। आशंका है कि, इन पहचान पत्रों का इस्तेमाल विकास दुबे जमीनों की खरीद फरोख्त में करता था। वहीं, तीन बम भी मिले, जिन्हें पानी में डाल कर निष्क्रिय किया गया।

विकास दुबे ने गुर्गों के नाम खरीदी चल-अचल संपत्ति

अब तक की जांच में सामने आया है कि गैंगस्टर विकास दुबे नेअपने गुर्गों, रिश्तेदारों और नौकर-नौकरानी के नाम से कई चल और अचल संपत्तियां खरीद रखी थीं।विकास दुबे के इस जालसाजी के धंधे में उसका हर एक साथी बराबर से उसका साथ दे रहा था। आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल का कहना है कि प्रथम दृष्टयाइन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए किया जाना प्रतीत होता है।साक्ष्य जुटाने के लिए बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से भी संपर्क किया जा रहा है।

विकास दुबे के घर के मलबे से मिला वायरलेस सेट।

लखनऊ आईजी लक्ष्मी सिंह सीओ बिल्हौर कार्यालय पहुंचीं

मुठभेड़ में बदमाशों की गोली का शिकार हुए डीएसपी देवेंद्र मिश्र की तीन माह पुरानी एसएसपी अनंत देव को लिखी चिट्ठी वायरल होने के बाद जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जांच पहले कानपुर जोन के एडीजी जय नारायण सिंह को दिए जाने की बात सामने आई थी। लेकिन, अब आईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह को जांच के लिए नामित किया गया है। आईजी लक्ष्मी सिंह मंगलवार सुबह सीओ बिल्हौर कार्यालय पहुंची हैं। उन्होंने सभी स्टाफ को तलब करते हुए कार्यालय में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। बंद कमरे में पुलिसकर्मियों से पूछताछ की गई। कंप्यूटर और दस्तावेजों की भी जांच की गई। फॉरेंसिंक टीम ने कंप्यूटर को सीज कर अपने कब्जे में लिया है।माना जा रहा है कि आईजी लक्ष्मी सिंहडीएसपी केवायरल चिट्ठी मामले की जांच के लिए आई हैं।

बरामद जाली दस्तावेज।

विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेयी को एसटीएफ लखनऊ ले गई

एसटीएफ गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी ब्रह्मनगर निवासीजय बाजपेयी को हिरासत में लिया है। टीम उसे कानपुर से लेकर लखनऊ पहुंची है। बताया जा रहा है कि, करीब एक हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक जय बाजपेयी विकास दुबेके सभी काले कारोबार को देखता था। उसकी अघोषित संपत्तियों को ठिकाने लगाने के साथ विकास दुबे का पैसा रियल इस्टेट और शराब के कारोबार में भी लगाता था। जय बाजपेयी को विकास दुबे का फाइनेंसर बताया जा रहा है। एक हफ्ते पहले उसने विकास के खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। एसटीएफ उससे लखनऊ में पूछताछ कर रही है। दरअसल, रविवार को काकादेव में तीन लावारिस कारें बरामद हुई थी। शक है कि, विकास दुबे ने फरार होने में इन्हीं में से किसी एक कार का इस्तेमाल किया है। पुलिस ने जांच की तो कारें जय बाजपेयी की निकलीं। उसके बाद उसे हिरासत में लिया गया था। बताया जा रहा है किजय बाजपेयी महज आठ सालों में अकूत संपत्ति का मालिक बना है।

बरामद कीलें, स्प्रिट और कारतूस।


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यह तस्वीर विकास दुबे के पुश्तैनी गांव बिकरू की है। प्रशासन ने बीते शनिवार को इस घर को ढहा दिया था। इस घर से पुलिस को बंकर, असलहे और विस्फोटक मिले थे। अब यहां से जाली दस्तावेज बरामद हुए हैं।


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