अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का शिलान्यास करेंगे। इसको लेकर तैयारियां अपने अंतिम चरण में है। भूमि पूजन समारोह में देश के संतों, नेताओं और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े करीब 170 लोगों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन, राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी अयोध्या नहीं आएंगे। दोनों नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समारोह में शामिल होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, आडवाणी-जोशी जैसे 10 बुजुर्ग नेता और संत हैं, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भूमि पूजन व शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे। वीडियो कॉफ्रेंसिंग की व्यवस्था करने के लिए जिला प्रशासन जुटा है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की तरफ से भेजा जा रहा निमंत्रण पत्र
भूमि पूजन में समारोह के लिए 200 लोगों की सूची पीएमओ को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से भेजी गई थी। लेकिन कोरोनावायरस संकट के चलते अतिथियों की सूची अब छोटी कर दी गई है। अब 170 लोगों को ही बुलाया जाएगा। एक अगस्त को मथुरा के संत राजेंद्र देवाचार्य और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को निमंत्रण भेजा गया है। यह पत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय की तरफ से भेजा जा रहा है। इससे पहले भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने 5 अगस्त को भूमि पूजन में शामिल होने की पुष्टि कर दी है। इनके अलावा साध्वी ऋतंभरा, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी अयोध्या जाने की पुष्टि की है।
मंदिर ट्रस्ट ने की ये अपील
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि मन्दिर निर्माण शुभारंभ की तिथि निकट है। पिछले 4 दशकों में श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन हेतु कारसेवा में भाग लेने वाले तथा अन्य भी किसी रूप में योगदान देने वाले सभी राम भक्तों से हमारा निवेदन है कि इस अवसर पर अपने हृदय की भावनाएं सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त करें।
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