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कानपुर में भैरवघाट पर होगा अंतिम संस्कार; घर पहुंचा उनका पार्थिव शरीर, परिजन को दूर से ही कराया गया अंतिम दर्शन

उत्तर प्रदेश के कानपुर में घाटमपुर विधानसभा से भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी का लखनऊ पीजीआई में निधन हो गया। कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण 18 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। कमला रानी वरूण को इजाजत के लिए लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया था। रविवार को उनकी ज्यादा बिगड़ने पर निधन हो गया। कमला रानी वरुण का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कानपुर के भैरवघाट पर किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर कानपुर पहुंच गया है, यहां परिजन और समर्थकों ने दूर से ही उनके अंतिम दर्शन किए।

यूपी की कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का रविवार को एसजीपीजीआई में निधन हो गया। उन्होंने सुबह करीब साढ़े नौ बजे अंतिम सांस ली। कोरोना की चपेट में आने के बाद 18 जुलाई को उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। दोपहर दो बजे उनका पार्थिव शरीर कानपुर पहुंचा।

कानपुर पहुंचा कमल वरूण रानी का पार्थिव शरीर। परिवार के दुख में शामिल होने के लिए काफी संख्या में लोग एकत्र हुए थे।
कानपुर पहुंचा कमल वरुण रानी का पार्थिव शरीर। परिवार के दुख में शामिल होने के लिए काफी संख्या में लोग एकत्र हुए थे।

बर्रा में उनके घर पहुंचा पार्थिव शरीर

कैबिनेट मंत्री कमलारानी वरुण का पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से बर्रा चार स्थित निजी आवास पर पहुंचा। कोविड प्रोटोकाल के तहत उनके शव को एंबुलेंस से बाहर नहीं निकाला गया, परिजन और रिश्तेदारों ने एम्बुलेंस के बाहर से ही अंतिम दर्शन किए। इस मौके पर उनके करीबी रिश्तेदार, पार्टी कार्यकर्ता और विधायक सुरेंद्र मैथानी,विधायक अरुण पाठक, अकबरपुर से सांसद देवेंद्र सिंह भोले, कारागार मंत्री जय कुमार जैकी मौजूद रहे। लगभग आधे घंटे तक पार्थिव शरीर को उनके आवास पर रखा गया। इसके बाद एम्बुलेंस भैरवघाट के लिए रवाना हो गई। पुलिस और जिला प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर मौजूद रहे।

कानपुर में बर्रा स्थिति उनके पैतृक आवास पर पहुंचा पार्थिव शरीर।
कानपुर में बर्रा स्थिति उनके पैतृक आवास पर पहुंचा पार्थिव शरीर।

राजनीतिक करियर में काफी उतार चढ़ाव देखा
कमला रानी वरुण एक कद्दावर राजनेता रही है, अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने बड़े उतार-चढ़ाव देखे है। कानपुर नगर से कमल रानी वरुण ने पार्षद का चुनाव जीत कर राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। इसके कमल रानी वरूण ने सुरक्षित लोकसभा सीट से 1996 से 1998 तक सांसद भी रही थी।

1999 में कमल रानी वरुण घाटमपुर लोकसभा सीट पर प्यारे लाल शंखवार से हार गई थी। इसके बाद से वो उनकी राजनीतिक सक्रियता कम हो गई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कमल रानी वरुण को घाटमपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। कमल रानी भारी मतों से जीत हासिल की थी।



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यूपी सरकार में मंत्री कमल रानी वरूण का आज पीजीआई में निधन हो गया। जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर कानपुर स्थित उनके पैतृक आवास लाया गया। यहां लोगों का हूजुम एकत्र था।


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