आज राम मंदिर निर्माण के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लकड़ी से बनी तीन फीट ऊंची भगवान राम की कोदंड धनुषधारी प्रतिमा भेंट करेंगे। इससे कर्नाटक में बनवाया गया है। दरअसल सीएम योगी इस प्रतिमा के जरिए अयोध्या को दक्षिण की संस्कृति से जोड़ना चाहते हैं। कोदंड राम की प्रतिमा को बेंगलुरु के रहने वाले प्रेसिडेंट अवॉर्ड से सम्मानित शिल्पकार राममूर्ति ने तैयार किया है।
क्या है कोदंड?
पिनाक धनुष शिव जी का था। जिसे सीता स्वयंवर में प्रभु राम ने तोड़ा था। उस अवसर पर भगवान परशुराम ने कोदंड धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने को कहा था। यह कोदंड धनुष भगवान विष्णु ने परशुराम को दिया था। कहा जाता है कि कोदंड की प्रत्यंचा चढ़ाने से ही परशुराम पहचान गए कि श्रीराम ही विष्णु के अवतार हैं। इससे निकला बाण लक्ष्य को भेद कर ही वापस लौटता था। दक्षिण में 100 से अधिक विशाल कोदंड राम मंदिर है। कड़प्पा, चिकमंगलूर व भद्राचलम में भव्य व दिव्य कोदंड राम मंदिर आकर्षण के केंद्र हैं। दक्षिण में प्रभु राम कोदंड राम के रूप में ही पूजित है। ऐसे में इस प्रतिमा का चयन उत्तर दक्षिण के समन्वय के रूप में किया गया है। यह उच्च कोटि का हस्तशिल्प है। जिसे मुख्यमंत्री योगी पीएम को भेंट करके यह संदेश भी देंगे कि अयोध्या में प्रभु राम जुड़ी हस्तशिल्प परियोजनाओं पर भी बहुत संभावनाएं हैं। जिस पर काम शुरू किया जा सकता है। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
चार महीने में तैयार हुई काष्ठ प्रतिमा
तीन फीट की प्रतिमा, जो एक पीस लकड़ी की है। उसमें बहुत बारीक कार्य चारों ओर हुआ है। इसको तैयार करने मे 4 माह लगातार कार्य किया गया है। मान्यता है कि, भगवान श्रीराम ने पत्नी सीताजी की रक्षा के लिए कोदंड धनुष उठाया था, इसलिए दक्षिण भारत में भगवान श्रीराम को स्त्री रक्षक के रूप में माना जाता है और राम के कोदंड रूप की पूजा की जाती है।
35 लाख की स्थापित है कोदंड राम की प्रतिमा
अयोध्या शोध संस्थान में पिछले साल सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोदंड राम की 7 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था। इसकी कीमत 35 लाख है। शोध संस्थान के हाल में स्थापित यह खूबसूरत काष्ठ प्रतिमा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
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