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साध्वी ऋतंभरा ने कहा- हिंदुओं ने प्रसव पीड़ा जैसा दुख सहा, तब हम मंजिल तक पहुंचे; आज बृजरज और पवित्र जल लेकर अयोध्या जाएंगी

अयोध्या में बनने वाले भगवान राम के मंदिर का उल्लास कान्हा की नगरी मथुरा में दिखाई दे रहा है। राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभानी वालीं दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने रविवार को केशी घाट पर बृजरज और यमुना के पवित्र जल का पूजन किया। यहां बृजरज से रजत शिला और पवित्र कुंडाें का जल इकट्ठा किया गया है। इसका प्रयोग राम मंदिर की नींव में होगा। जिसे अपने साथ लेकर साध्वी ऋतंभरा अयोध्या जाएंगी।

प्रसव पीड़ा अधिक कष्ट हिंदुओं ने सहा

साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि जब मंजिल मिलती है तो सफर की पीड़ा और पैरों के छाले और किए गए उत्पीड़न सब समूल नष्ट हो जाता है। हमने बहुत कष्ट और पीड़ा झेली है। हिंदू समाज एक मां की तरह प्रसव से भी ज्यादा पीड़ा झेलकर इस मंजिल तक पहुंचा है। यह आंदोलन कोई बातों और नारों से नहीं, बल्कि मां के कोख से जन्मे तरुण सेवकों को समर्पित किया गया था। तब हम इस मंजिल तक पहुंचे हैं। निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाई गई। सरयू का जल लाल हो गया था।

आज हम अपराध मुक्त हो गए

ऋतंभरा ने कहा कि निस्वार्थ भाव से किया गया कार्य सफल होता है। किसी लगाव या स्वार्थ कार्य कभी सफल नहीं होता है। मंदिर के भूमि पूजन का आयोजन किया गया है। वृंदावन का पवित्र का जल और यहां का अमृत लेकर यहां के साधु संतों का आशीर्वाद लेकर जा रही हूं। उन्होंने कहा कि हम मंदिर भव्य बनाएंगे कि मेरे इस नारे के आह्वान पर हजारों नौजवान एकत्र हुए थे। हम अपराधी थे। लेकिन आज अपराध से मुक्त हो गए हैं। जब मंदिर जब मंदिर का भव्य निर्माण होने जा रहा है।

यहां यहां से भेजा गया बृजरज

धर्म रक्षा संघ ने रजत शिला का निर्माण कराकर राम मंदिर के लिए भेजा है। बृज के बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, बल्देव, गोकुल व वृंदावन के प्रमुख मन्दिर मदन मोहनजी, बांके बिहारी, रंगनाथ जी से अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए पवित्र जल, रज और चंदन भेजा गया है।



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यह तस्वीर वृंदावन की है। राम मंदिर के नींव में इस्तेमाल होने वाले पवित्र जल के कलश को सिर पर रखकर यमुना तट पर पहुंची साध्वी ऋतंभरा।


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