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इंदिरा गांधी के बुलावे पर नासा छोड़कर चले आए थे देश की सेवा करने; नासा के लिए बनाया था इंफ्रा रेड कंडक्टर्स, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से हुए थे सम्मानित

उत्तर प्रदेश के मेरठ में नासा के पूर्व वैज्ञानिक मेरठ निवासी प्रोफेसर आरसी त्यागी का 84 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से​ शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। प्रोफेसर आरसी त्यागी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बुलावे पर अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा छोड़कर भारत लौट आए थे और यहीं पर रहकर देश की सेवा करने में जुट गए थे।

मेरठ शहर के बुढ़ाना गेट पर रहने वाले डाॅ. रमेश चंद्र त्यागी अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा में वैज्ञानिक थे। 1972 में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए उन्हें नासा से यहां बुला लिया था। देशहित के लिए डॉ रमेश चंद्र त्यागी नासा छोड़कर भारत लौट आए थे। भारत में उन्हें डीआरडीओ की साॅलिड स्टेट फिजिक्स लैबोरेट्री में प्रमुख वैज्ञानिक बनाया गया था।

पूर्व पीएम अटल विहारी वाजपेयी ने किया था सम्मानित

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डॉ रमेश चंद्र त्यागी को शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया था। नासा में सेमी कंडक्टर टेक्नोलॉजी और इन्फ्रा रेड डिटेक्शन पर डाॅ. त्यागी ने सराहनीय कार्य किया। लंबे समय से वह चौधरी चरण सिंह विवि के फिजिक्स विभाग से जुड़े थे।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभागाध्यक्ष प्रो. वीरपाल सिंह ने बताया कि डाॅ. रमेश चंद्र त्यागी बहुत बड़े वैज्ञानिक थे। उनके साथ मिलकर उन्होंने 10 शोध पत्र तैयार किए। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए आगे रहते थे। उनके दो बेटे दिनेश और राजेश अमेरिका में रहते हैं। उनके निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। विवि में शिक्षकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

सुरों की निकाली ​फ्रीक्वेंसी
प्रोफेसर रमेश चंद्र त्यागी ने सुरों की फ्रीक्वेंसी निकालकर उन्हें गणित के आधार पर सिद्ध करके दिखाया। उन्होंने अपने रिसर्च से स्वर मंडल की रचना की। उनकी इस खोज की विदेशों में भी प्रशंसा की गई।



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बच्चों के साथ प्रोफेसर रमेश चंद्र त्यागी। फाइल फोटो


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