उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप पर सियासत गरमाई हुई है। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चार सांसद हाथरस पहुंचे और यहां उन्होंने पीड़िता के परिवार से गांव में मिलने की कोशिश की। लेकिन इस दौरान भारी संख्या में तैनात पुलिस और प्रशासन की टीमों ने सांसदों को एंट्री नहीं दी थी। काफी देर तक सांसद और प्रशासन के अफसरों के बीच झड़प चलती रही। इस दौरान टीएमसी की महिला सांसदों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा पर अभद्रता करने और धक्का देकर भागने का आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार- कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव बूलगडी के बाहर पुलिस बैरिकेटिंग का ये मामला है। टीएमसी की सांसद प्रतिभा मंडल ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के खिलाफ थाने में मुकदमा लिखने की तहरीर दी है। इसमें उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार से मिलने महिला सांसद उनके गांव पहुंची थी।
टीएमसी ने की लिखित शिकायत
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा महिला सांसद प्रतिभा मंडल, पूर्व सासंद ममता ठाकुर को धक्का देकर भागने और अभद्रता करने का आरोप लगाया है। टीएमसी की महिला सांसदों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा के खिलाफ कोतवाली चंदपा में एएसपी हाथरस प्रकाश कुमार को लिखित रूप से शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।
यह है मामला
दरअसल, तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मोंडल और (पूर्व सांसद) ममता ठाकुर शुक्रवार को दिल्ली से हाथरस जाने के लिए पहुंचा था। लेकिन गांव से 1.5 किमी दूर उन्हें पुलिस ने रोक दिया था। सांसदों ने कहा था कि हम शांति से हाथरस की ओर बढ़ रहे हैं। पीड़ित परिवार से अपनी सांत्वना देने जा रहे हैं। सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। लेकिन हमें रोका गया? ये कैसा जंगलराज है।
पूरे गांव को प्रशासन ने किया सील
उधर लगातार तीन दिन से पीड़िता के पूरे गांव को प्रशासन और पुलिस ने लगातार सील किया हुआ है। मीडियाकर्मियों के साथ ही गांव में किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जा रही है। उधर योगी सरकार द्वारा एसपी सहित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई लेकिन पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं है। 3 दिन से परिवार नजरबंद है और सरकार द्वारा डीएम पर कार्रवाई नहीं होने से परिजनों में आक्रोश है।
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