उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप का शिकार 19 साल की दलित युवती की मौत हुए 4 दिन बीत चुके हैं। सोमवार तड़के पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हुई थी। उसके बाद आधी रात उसका शव जबरन जला दिया गया था। तब से गांव में फोर्स तैनात है। किसी को गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। जिले में धारा 144 प्रभावी होने के साथ पीड़ित के पूरे गांव में नाकेबंदी है। वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद डीएम ने अब परिवार वालों को धमकाना शुरू कर दिया है।
एडीजी बोले- नहीं हुआ रेप, परिवार वालों ने कहा- सीबीआई से जांच हो
एडीजी प्रशांत कुमार के एक बयान पर लोगों में आक्रोश है। एडीजी ने कहा कि युवती के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। उसके प्राइवेट पार्ट में सीमेन नहीं मिला है। वहीं, पीड़ित परिवार ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर संदेह जाहिर किया। पिता ने कहा कि उन्हें न तो मीडिया वालों से मिलने दिया जा रहा है न ही बार निकलने की छूट है। सीबीआई से मामले की जांच कराई जाए।
सीएम व राज्यपाल से मिलेंगे रामदास अठावले
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने हाथरस की घटना की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने ऐलान किया है कि वे पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे। हिम्मत बढ़ाएंगे कि वे अकेले नहीं हैं, पूरा देश उनके साथ है। अठावले तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारों को प्रभावी व कठोर कदम उठाना चाहिए, ताकि अपराधी किसी अपराध करने से पहले सौ बार सोचें।
क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
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