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89 दिन बाद पुलिस ने कोर्ट में 2056 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की; गैंगस्टर विकास दुबे व पुलिसकर्मियों के बीच गठजोड़ का जिक्र

उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात हुए शूटआउट मामले में पुलिस ने 89 दिन बाद कानपुर देहात के माती कोर्ट में 2056 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में 36 आरोपियों को शामिल किया गया है। यह कानपुर पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी चार्जशीट है। इसमें पुलिस कर्मियों के साथ गैंगस्टर विकास दुबे के बीच गठजोड़ का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिसकर्मियों पर सैकड़ों राउंड फायरिंग की गई थी।

कानपुर के भौंती में गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था।

तत्कालीन एसओ व दरोगा ने विकास दुबे तक पहुंचाई सूचना

चार्जशीट में लिखा गया है कि 2/3 जुलाई की आधी रात विकास दुबे व उसके गुर्गों ने दबिश देने पहुंचे 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। विकास को पुलिसकर्मियों ने तहरीर पहुंचने से लेकर दबिश रवाना होने तक की जानकारी दी थी। जिसमें चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा की मुख्य भूमिका थी। जब राहुल तिवारी ने विकास दुबे के खिलाफ पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया, तभी विकास दुबे के पास सूचना पहुंच गई थी।

जब बिकरु गांव में पुलिस विकास दुबे के घर पर दबिश देने के लिए रवाना हुई तो पुलिस कर्मियों के द्वारा ही सूचना दी गई थी। इसके बाद विकास दुबे अलर्ट हो गया था। उसने बदमाशों को असलहों से लैस करके छतों पर तैनात किया था और फिर जेसीबी से रास्ता बंद कर दिया। जब पुलिस टीम पहुंची तो उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई। पुलिस ने चार्जशीट के साथ मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल और कॉल रिकॉर्डिंग भी कोर्ट में पेश की है।

कानपुर शूटआउट के आरोपी।

आरोपियों पर यह धाराएं लगाई गईं

कानपुर शूटआउट में 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि 12 ने सरेंडर किया था। इसके अलावा विकास दुबे समेत छह आरोपियों को एनकाउंटर में मारा गया था। पुलिस ने 17 धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें 7 सीएलए, 332-लोक सेवक को भय में डालना ताकि कर्तव्य पालन न कर सके, एल333-लोक सेवक को भय में डालकर चोट पहुंचाना, 147- बलवा, 148- घातक हथियार से हमला, 120बी - षडयंत्र, 149- विधि विरुद्ध जमाव, 412 -डकैती में मिली संपत्ति को पास रखना, 302 - हत्या, मौत या आजीवन कारावास, 307- हत्या,का प्रयास, 3/4 विस्टफोटक पदार्थ अधिनियम, 3 ऐसा कोई विस्फोटक जिससे जीवन को खतरा हो, 4 विस्फोटक अपने पास रखना ताकि दूसरे के जीवन को खतरा उत्पन्न हो, 34 सामान्य आशय, घटना में सबसे बड़े अपराध की सजा के बराबर सजा का प्रावधान, 353-लोक सेवक को कर्तव्य पालन करने से रोकने के लिए हमला, 396 हत्या युक्त डकैती, 504- गाली गलौज, 506 जान से मारने की धमकी के तहत सभी 36 आरोपियों को अभियुक्त बनाया है।

ये हैं कानपुर शूटआउट के आरोपित

शिवम उर्फ दलाल, नन्हें यादव, बबलू मुसलमान, राजेंद्र मिश्रा व उमाशंकर बाजपेयी, कांशीराम निवादा निवासी जहान यादव, सुज्जा निवादा निवासी रामसिंह, विष्णु पाल यादव, वसेन निवासी शिवतिवारी, कंजती निवासी विमल प्रकाश,ग्राम कुखवा थाना शिवली निवासी गुड्डन उर्फ अरविन्द, ब्रह्मनगर थाना नजीराबाद निवासी जयकान्त वाजपेयी, बिकरू निवासी क्षमा, खुशी, रेखा अन्निहोत्री, शान्ती देवी, संजय दुबे, सुरेश वर्मा श्यामू बाजपेई, छोटू शुक्ला उर्फ अखिलेश, शशिकांत पंडित उर्फ सोनू, रामू बाजपेयी, दयाशंकर अग्निहोत्री, गोपाल सैनी, उमाकांत उर्फ गुड्डन, बाल गोविंद, शिवम दुबे, धर्मेन्द्र उर्फ हीरू दुबे, धीरज उर्फ धीरू, रमेश चंद्र, मनीष उर्फ वीर, कुढ़वा निवासी सुशील कुमार तिवारी उर्फ सोनू, जनपद कौशाम्बी थाना महेबा घाट ग्राम अलबारा निवासी विनय तिवारी और शिवली के नारेपुरवा मैथा निवासी राहुल पाल,आर्यनगर कोहना निवासी प्रशान्त शुक्ता उर्फ डब्बू, जनपद हापुड़ थाना हाफिजपुर ग्राम तुमरैल गिरधापुर निवासी कृष्ण कुमार शर्मा।

सीओ देवेंद्र मिश्र की हत्या हुई थी।

यह पुलिसकर्मी हुए थे शहीद

सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार,सब इंस्पेक्टर नेबू लाल, सिपाही जितेंद्र पाल, सिपाही सुल्तान सिंह, सिपाही बबलू कुमार,सिपाही राहुल। जबकि, थाना प्रभारी बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सिंह,सब इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय, सिपाही शिवमूरत, सिपाही अजय कुमार, सिपाही अजय सिंह, होमगार्ड जयराम, एसओ चौबेपुर का प्राइवेट हमराह विकास बाबू घायल हुआ था।

मुठभेड़ में ये मारे गए अपराधी

गैंगस्टर विकास दुबे, राजाराम उर्फ प्रेम कुमार उर्फ प्रेमप्रकाश, अमर दुबे,प्रभात मिश्रा, प्रवीन शुक्ल उर्फ बउवन, अतुल दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे और वहीं, 24 अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 12 अपराधियों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।

दोनों पुलिसकर्मी मुखबिरी के आरोप में जेल में हैं।


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गैंगस्टर विकास दुबे।- फाइल फोटो


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