उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित युवती के साथ हुई गैंगरेप का मामला लगातार गरमाया हुआ है। पिछले तीन दिनों से लगातार सियासी गलियारों में इस मामले की गूंज सुनाई देर रही है। कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने वहां जने की कोशिश की थी लेकिन प्रशासन ने पूरे गांव को सील कर दिया था। यहां तक की मीडियाकर्मियों को भी गांव में जाने की इजाजत नहीं दी गई थी लेकिन आखिरकार 3 दिन बाद योगी सरकार ने पीड़िता के गांव जाने की इजाजत मीडिया को दी है। मीडिया के पीड़िता के घर पहुंचते ही परिवार ने कई शिकायतें बताईं। वहीं पीड़िता की मां ने कहा कि हम चाहते है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच हो।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार दोपहर हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की पीड़िता के परिवार से मिलने जा सकता है। इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को भी पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे। उनका आरोप था कि पहुंचने से पहले ही उन्हें पुलिस प्रशासन द्वारा रोक लिया गया। राहुल गांधी ने इस दौरान कहा, ''अभी पुलिस ने मुझे धक्का दिया, मुझ पर लाठीचार्ज किया और मुझे जमीन पर गिरा दिया। क्या सामान्य आदमी सड़क पर नहीं चल सकता." उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
पीड़िता की भाभी ने कहा किसी और को जलाया गया है
मीडिया से बातचीत में पीड़िता की भाभी ने बताया कि परसों एसआईटी की टीम आई थी। माता, बाबू जी, मेरे पति, देवर और मेरा बयान लिया गया है। भाभी ने बताया एसआईटी न गुरुवार को आई न ही आज आई है। उन्होंने कहा कि हमे सीबीआई जांच की जरूरत नही है लेकिन हमारी बिटिया की बॉडी वापस कर दे। उन्होंने कहा कि जिसकी बॉडी जलाई गई वह कोई और थी। इसके बाद वह रोने लगती हैं।
मां बोली- हम किसकी हड्डियां वापस लाएं
पीड़ित की माँ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच हो। उन्होंने कहा हमे पुलिस पर भरोसा नही है। यूपी पुलिस हमे धमकाती रही है। वहीं अभी तक चिता से हड्डियां क्यों नही उठायी के सवाल पर मां का कहना है कि हम किसकी हड्डी उठा कर लाये क्योंकि वहां पता नही किसकी लाश जलाई गई क्योंकि हमें उसका चेहरा तो दिखाया नही गया है।
10 बजे तक पुलिस रही घर मे कहीं जाने न दिया
पीड़ित परिवार के घर पर बुधवार रात 10 बजे तक एसआईटी टीम भारी संख्या में पुलिसबल के साथ मौजूद रही। पीड़िता के भाई ने कहा कि इस दौरान हमे कहीं जाने नही दिया गया। उन्होंने कहा बाहरी दुनिया से हम कट से गए थे। हमें न राहुल गांधी के आने की खबर है ना ही किसी और राजनैतिक दल की खबर है। किसी ने हमसे बात नही की है। उन्होंने कहा कि जांच सही से हो हम बस यही चाहते हैं।
पुलिस पर गंभीर आरोप
14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था और मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई जिसके बाद बुधवार की रात को उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया। हालांकि परिवार का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने बलात्कार की बात से इंकार किया था।
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