उत्तर प्रदेश के अमेठी में आखरी बड़े मंगल के मौके पर मंदिरों के कपाट खुल गए। कोरोना महामारी पर एक बार फिर आस्था भारी पड़ गई है। मंगलवार को भारी संख्या में दर्शनार्थियों की भीड़ मंदिर में जुटी रही। वहीं मंदिरों के बाहर बड़ी तादाद में दुकाने भी सजी हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से किसी भी धार्मिक संस्थान को खोलने की कोई परमीशन नही दी गई है।
जानकारी के अनुसार ये मामला जिले के जामो थाना क्षेत्र के गौरा हनुमानगढ़ी का है। मंगलवार को बड़े मंगल के अवसर पर यहां मंदिरों के कपाट खुले हैं। पूजा-अर्चना और दर्शन के लिए यहां बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों की भीड़ लगी है। स्थानीय लोगों की माने तो प्रशासन से बिना अनुमति लिए मंदिर के कपाट खोले गए हैं।
उस इलाके में खुली हैं दुकानें जहां कोरोना का संक्रमण
ये स्थित तब देखने को मिल रही हैं जब जामो में कोरोना के अब तक 10 केस मिल चुके हैं। बावजूद इसके भीड़ एकत्रित है और प्रशासन से रोकने में नाकाम है।मंदिर के बाहर मिठाईयों की अच्छी खासी दुकाने लगी हैं, मिठाई की दुकान लगाने वाले दुकानदार उस अलीपुर गांव के हैं जहां कोरोना के मरीज मिले हैं। प्रशासन ने इस गांव को कंटेंमेंट जोन घोषित किया है। बड़ा सवाल ये है के जब गांव सील है तो दुकानदार दुकान लेकर यहां कैसे पहुंचे? इस मामले पर एएसपी दयाराम से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में नही है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
दरअसल, सरकार ने रविवार दोपहर बाद लॉकडाउन के पांचवें चरण की नई गाइड लाइन जारी की थी। जिसमें प्रदेश को अनलॉक करने के पहले चरण में आठ जून से कंटेनमेंट जोन को छोड़कर मठ-मंदिर, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, होटल खोले जाने की बात कही थी। लेकिन यहां सरकार के निर्देश से पहले धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया।
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