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H.266 कोडेक तकनीक 4K और 8K टीवी पर वीडियो स्ट्रीमिंग का डेटा आधा करेगी, इसके लिए चिप डेवलप करने की जरूरत

फ्राउनहोफर हेनरिक हर्ट्ज इंस्टीट्यूट के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर साइंस डिवीजन ने वीडियो से जुड़ी नई वीवीसी टेक्नोलॉजी की घोषणा की है। रिसर्चर का ऐसा दावा है कि वर्सटाइल वीडियो कोडिंग (VVC) की मदद से वीडियो स्ट्रीमिंग के दौरान लगभग आधा डेटा ही खर्च होगा। बता दें कि फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट जर्मन रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के हिस्सा है।

कोडेक का पूरा नाम H.266/वर्सटाइल वीडियो कोडिंग है। फ्राउनहोफर का कहना है कि इसे इंडस्ट्री-स्ट्रैंडर्ड H.264/एडवांस वीडियो कोडिंग (AVC) और H.265/हाई इफिशिएंसी वीडियो कोडिंग (HEVC) फॉर्मेट के सक्सेसर के तौर पर तैयार किया गया है।

HEVC को पहली बार 2013 में जारी किया गया था, लेकिन कोडेक का अपने कई स्टेकहोल्डर्स से पेटेंट की कंट्रोवर्सी के चलते नुकसान हुआ। यही कारण है कि AVC 2003 में पहली बार रिलीज होने के बावजूद भी HEVC प्रमुख मानक बना हुआ है।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कंपनियों को होगा फायदा
फ्राउनहोफर का कहना है कि वीवीसी इंडस्ट्री के लिए एक रास्ता हो सकता है, क्योंकि वर्तमान में लगभग हर बड़ी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कंपनी एक फिक्स पेटेंट रॉयल्टी सिस्टम में बंधी हुई हैं। यह सुनिश्चित करती है कि विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को उपकरणों, वेबसाइटों और ऐप्स के लिए विभिन्न कम्प्रेशन और ट्रांसमिशन मानकों का उपयोग करने के लिए कितना भुगतान करना होगा। फ्राउनहोफर के मुताबिक वीवीसी के साथ आप बिना किसी लाइसेंसिंग सिरदर्द के एवीसी और एचईवीसी से कुछ बेहतर कर सकते हैं।

नेटवर्क कम होने पर ट्रांसमिशन को बेहतर करेगी
जहां मोबाइल नेटवर्क कम होता वहां H.266/VVC वीडियो ट्रांसमिशन को बेहतर बनाता है। जैसे, पिछले स्टैंडर्ड H.265/HEVC में 90 मिनट के UHD वीडियो की स्ट्रीमिंग के लिए 10 गीगाबाइट डेटा की आवश्यकता होती है, लेकिन नई तकनीक में इसके लिए 5 गीगाबाइट डेटा की आवश्यकता होगी। क्योंकि H.266/VVC को अल्ट्रा हाई रिजॉल्यूशन वीडियो कंटेंट को ध्यान में रखते हुए डेवलप किया गया है। इसलिए फ्लैट स्क्रीन टीवी पर 4K या 8K वीडियो स्ट्रीमिंग करते समय नया स्टैंडर्ड फायदेमंद होता है।

एपल, माइक्रोसॉफ्ट ने भी तकनीक पर काम किया
कोडेक, जिसे H.266 और वर्सटाइल वीडियो कोडिंग (VVC) दोनों कहा जाता है, इस पर एपल, माइक्रोसॉफ्ट, क्वालकॉम, एरिक्सन, इंटेल और हुवावे ने इसके डेवलपमेंट पर काम किया था। फ्राउनहोफर को उम्मीद है कि आने वाले समय में स्मार्टफोन और अन्य कैमरे फॉर्मेट से रिकॉर्डिंग के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि, इसेके लिए पहले चिप को डेवलप करने की जरूरत है।



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रिसर्चर का ऐसा दावा है कि वर्सटाइल वीडियो कोडिंग (VVC) की मदद से वीडियो स्ट्रीमिंग के दौरान लगभग आधा डेटा ही खर्च होगा


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