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गांव की बहन-बेटियों को शौच के लिए जाना पड़ता था घर के बाहर; बुजुर्ग किसान ने दान की अपनी जमीन

जमीन एक टुकड़े की खातिर गांवों में रिश्तों का कत्ल हो जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जनपद बलरामपुर से दिलों को सुकून देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक गांव में बहन-बहुएं शौच के लिए घर से बाहर जाती थीं। इससे आहत होकर एक बुजुर्ग किसान ने सामुदायिक शौचालय के लिए अपनी एक बिस्वा (तकरीबन 450 वर्ग फीट) जमीन जिला प्रशासन को दान कर दी है। साथ ही शौचालय तक पहुंचने के लिए 10 फिट लंबा और 6 फिट चौड़ा रास्ता भी दिया है।

स्टांप को देखते किसान मेवालाल।

40 बीघा जमीन के मालिक हैं मेवालाल

दानदाता किसान मेवालाल हर्रैया सतघरवा ब्लॉक के बनघुसरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी उम्र करीब 60 साल है। परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे व एक बेटी है। तीनों की शादी हो चुकी है। परिवार में 12 सदस्य हैं। इनके पास कुल 40 बीघा जमीन है।

मेवालाल बताते हैं कि प्रशासन ने गांव के खलिहान में सामुदायिक शौचालय बनवाना शुरू किया था। लेकिन किसी कारण से निर्माण रुक गया। गांव में कई घर ऐसे में हैं जिनके घर अभी शौचालय नहीं बना है। ऐसे में महिलाओं और बच्चों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। उन्हें बारिश होने पर या रात के समय परेशानी होती है। यही देखकर मैंने सोचा कि मैं ही अपनी जमीन दान कर शौचालय का निर्माण करा दूं, जिससे लोगों की समस्या दूर हो सके। मेवालाल के घर 3 सालों से शौचालय बना हुआ है और उनका परिवार उसका इस्तेमाल कर रहा है। अब वे चाहते हैं कि उनके गांव के लोग भी बाहर शौच के लिए न जाएं।

मेवालाल की जमीन पर बन रहा शौचालय।

जिले में चल रहा जमीन दान करने का अभियान

डीएम कृष्णा करुणेश ने बताया कि सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन बनाने के लिए हमने एक अभियान चला रखा है। जिसके तहत जिन ग्राम सभाओं में जमीन नहीं हैं, लोगो को प्रेरित किया जा रहा है कि वो आगे बढ़कर वहां अपनी जमीन दान कर सकते हैं। इसी कड़ी में मेवालाल ने सामुदायिक शौचालय के लिए 450 फिट जमीन दान की है।



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किसान मेवालाल।


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